UP: संभल में हाई अलर्ट, PAC–RAF तैनात, मस्जिद के आसपास ड्रोन निगरानी

ख़बर रफ़्तार, संभल: संभल में हुए बवाल के एक साल पूरा होने पर पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। शोक और जश्न पर पुलिस की निगरानी है। आपत्तिजनक पोस्ट करने पर कार्रवाई होगी। 24  नवंबर को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान बवाल हुआ था। एसपी समेत 28 पुलिसकर्मी और एसडीएम घायल हुए थे।

संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल को एक वर्ष पूरा हो गया है। इस एक वर्ष के पूरा होने पर कोई जश्न या शोक सार्वजनिक न मनाए इसको लेकर पुलिस पूरी तरह सतर्क है। सोशल मीडिया पर भी निगरानी की जा रही है। शहर में पुलिस के साथ पीएसी और आरआरएफ को तैनात किया गया है। रविवार को दिनभर पुलिस की निगरानी बनी रही। जामा मस्जिद के आसपास ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई।

एएसपी कुलदीप सिंह सत्यव्रत पुलिस चौकी में बने सीसीटीवी कैमरों के कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। जिससे क्रियाशील कैमरों की स्थिति की जानकारी रहे। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि सोशल मीडिया पर टीम निगरानी कर रही है। किसी ने शोक या जश्न को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट की तो कार्रवाई की जाएगी। 

 24 नवंबर की सुबह करीब 7 बजे जामा मस्जिद सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव पहुंचे थे। करीब नौ बजे भीड़ उग्र हो गई थी। देखते ही देखते पथराव और आगजनी की गई। इसी दौरान फायरिंग की गई। इसमें पांच लोगों की जान चली गई थी। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने जामा मस्जिद के नजदीक बवाल पर काबू पाया तो हिंदूपुरा खेड़ा में भीड़ ने हमला कर दिया था।

बाइकों को फूंक दिया था। इसमें एसपी और पीआरओ भी घायल हो गए थे। करीब चार घंटे तक शहर में बवाल किया गया था। दोपहर को करीब एक बजे बवाल शांत हुआ था। बवाल के बाद लगातार गिरफ्तारी की गईं। इसमें 133 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में 108 आरोपी जमानत पर हैं। 25 आरोपियों की जमानत नहीं हुई है। एनएसए के तहत मुल्ला अफरोज के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। यह हत्या के मामले में आरोपी है।

Sambhal Violence Anniversary police PAC and RAF on high alert drones monitoring mosque area

बवाल के बाद सीसीटीवी कैमरों से बढ़ी निगरानी
पालिका द्वारा 2.32 करोड़ रुपये खर्च कर 224 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके लिए 60 स्थान चिन्हित किए गए हैं। पालिका क्षेत्र में 37 वार्ड हैं। इसमें 13 वार्ड हयातनगर और सरायतरीन इलाके में है। हयातनगर और सरायतरीन इलाके के चौराहे पर कैमरे लगाए जा चुके हैं।

Sambhal Violence Anniversary police PAC and RAF on high alert drones monitoring mosque area

संभल कल्कि त्रिनेत्र समिति की निगरानी में यह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनका कंट्रोल रूम सत्यव्रत पुलिस चौकी, संभल कोतवाली, नखासा थाना, तहसील और एएसपी कार्यालय में बनाया गया है। इन सभी स्थानों से निगरानी शहर की होती है।

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12 एफआईआर में 2750 आरोपी बनाए गए थे
24 नवंबर को हुए बवाल के बाद संभल कोतवाली और नखासा थाने में 12 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इसमें 2750 आरोपी बनाए गए थे। जिसमें 40 नामजद किए गए थे। एसआईटी की जांच आगे बढ़ी तो 133 आरोपी प्रकाश में आए। एसआईटी से जुड़े असमोली सीओ कुलदीप सिंह ने बताया कि जो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। सभी के खिलाफ सबूत मिले।
सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज से चेहरों का मिलान किया गया। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। वहीं, दूसरी ओर जो आरोपी फुटेज में आए लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी तो पोस्टर भी चस्पा किए। उन आरोपियों का सुराग एक वर्ष बाद भी नहीं लगा। पुलिस ने दूसरे जिले में भी इन आरोपियों के पोस्टर भेजे लेकिन वह पकड़े नहीं गए। उनकी पहचान अब तक नहीं हुई है। पुलिस की तलाश जारी है।
इनकी लोगों की गई है जान 
मोहल्ला कोट तवेला निवासी नईम (35)
फतेहऊनला सराय निवासी बिलाल (22)
हयातनगर निवासी रोमान (40)
तुर्तीपुर इला निवासी कैफ (19) और कोट गर्वी निवासी अयान (19)
न्यायिक जांच आयोग के दौरे
पहला दौरा : 1 दिसंबर 2024 बवाल के इलाके का निरीक्षण और शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया।
दूसरा दौरा : 21 जनवरी 2025 आयोग द्वारा 51 लोगों के बयान दर्ज किए गए
तीसरा दौरा : 30 जनवरी 2025 सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के बयान दर्ज किए।
चौथा दौरा :28 फरवरी 2025 45 लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें डीएम और एसडीएम भी शामिल रहे।
सांसद, जामा मस्जिद सदर और शारिक साटा पर बवाल की साजिश का आरोप
सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली व हिस्ट्रीशीटर शारिक साटा एसआईटी की जांच में बवाल की साजिश रचने के आरोपी माने गए हैं। पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। जफर अली की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह फिलहाल जमानत पर हैं। सांसद को हाईकोर्ट से स्टे है और शारिक साटा देश छोड़कर भागा हुआ है। उसके तीन गुर्गे मुल्ला अफरोज, गुलाम और वारिस जेल में बंद हैं।
इन्हीं गुर्गों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया था कि विदेशी कारतूस और हथियार शारिक साटा ने उपलब्ध कराए थे। इन्हीं हथियारों से गोली चलाई थी। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस ने हत्या के चार मामले दर्ज किए थे। एक मृतक के परिजनों ने बिना किसी कार्रवाई के सुपुर्द ए खाक कर दिया था।
ड्रोन से भी की जा रही निगरानी
शहर में चौकसी बरती जा रही है। पुलिस के साथ पीएसी और आरआरएफ को लगाया गया है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए टीम को एक्टिव किया गया है। अगर किसी ने बवाल को लेकर शोक या जश्न जैसे आपत्तिजनक पोस्ट की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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