ख़बर रफ़्तार, उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग के अंदर रिसाव से जमा पानी निकालने के लिए ड्रिफ्ट तैयार की जाएगी। यह ड्रिफ्ट सुरंग में आए भूस्खलन के मलबे के बीच से तैयार करने की योजना है। पहले ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर जाकर पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन यह असुरक्षित होने के चलते अब ड्रिफ्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया है।
भूस्खलन के मलबे के बीच से ड्रिफ्ट तैयार की जाएगी
अंदर सुरंग का मुआयना कर लौटने के बाद सुरंग के अंदर भी सुरक्षात्मक कार्य की तैयारी थी। इसके लिए 50 कट्टे रेत भी अंदर पहुंचाया गया था, लेकिन बाद में यह काम अचानक रोक दिया गया। इसके बाद एनएचआईडीसीएल के नए एमडी (प्रबंध निदेशक) डॉ. कृष्ण कुमार ने अधिशासी निदेशक रितेन सिंह के साथ सिलक्यारा सुरंग का जायजा लिया।
अब खबर यह है कि यहां ऑगर मशीन से डाले गए पाइपों से अंदर जाकर पानी निकालने का काम नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके स्थान पर भूस्खलन के मलबे के बीच से ड्रिफ्ट तैयार की जाएगी। जिससे पानी निकालने के काम को अंजाम दिया जाएगा। जिसके 15 मार्च को शुरू होने की उम्मीद है।
ये भी पढ़ें…बर्फ से ढका चीन सीमा क्षेत्र का अंतिम गांव, मलारी-नीती हाईवे पर तीन फीट बर्फ, टीम रास्ते से लौटी
सुरंग के सिलक्यारा छोर से पानी निकालने के लिए भूस्खलन के मलबे के बीच से ड्रिफ्ट तैयार की जाएगी। यह ड्रिफ्ट ऐसी होगी, जिससे आदमी सुरक्षित ढंग से अंदर-बाहर आ जा सकेगा। 15 मार्च से पानी निकालने का काम शुरू किया जाएगा। -अंशु मनीष खलको, निदेशक एनएचआईडीसीएल।
ये होती है ड्रिफ्ट
ड्रिफ्ट एक तरह की छोटी सुरंग होती है, जो तीन गुणा तीन मीटर तक की हो सकती है। यह एक तरह का क्षैतिज मार्ग भी होता है। जिसे बाद में सुरंग का आकार भी दिया जा सकता है।

+ There are no comments
Add yours