खबर रफ़्तार, रायपुर: डॉल्फिन इंटरनेशनल स्कूल के नाम पर करीब 60 करोड़ के घोटाले के आरोपी राजेश शर्मा ने जेल से निकलकर आज देवेंद्र नगर स्थित मुक्तिधाम में अपनी दिवंगत पत्नी उमा शर्मा को अंतिम विदाई दी. अदालत से विशेष अनुमति लेकर अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम में पहुंचे राजेश शर्मा के साथ ऐसे वक्त में मौजूद थे तो केवल जेल कर्मी और मीडिया के लोग.
श्मशान घाट का दृश्य वैसे भी गमगीन रहता है, लेकिन आज तो और भी गमजदा था, वजह थी एक ऐसा शख्स, जो कभी राजधानी के नामचीन लोगों में शामिल रहा, आज जिस असहाय हालत में अपनी पत्नी को विदाई दे रहा था, वह बहुत ही दारुण और करुण था. अंतिम वक्त में पति अपनी पत्नी के साथ नहीं था, यहां तक राजेश शर्मा का आरोप है कि अदालत से मंजूरी मिलने के बाद भी उसकी पत्नी का पर्याप्त इलाज जेल प्रशासन ने नहीं कराया.
कभी सेंट जेवियर स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम करने वाले राजेश शर्मा ने 2005 में डॉल्फिन इंटरनेशनल स्कूल की शुरुआत की और देखते-देखते पांच साल के भीतर ही पूरे राज्य में लगभग 40 स्कूलों की श्रृंखला खड़ी कर दी. उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना के प्रचार के लिए मुकेश खन्ना ‘शक्तिमान’ और गुफी पेंटल ‘शकुनि’ जैसे अभिनेताओं को ब्रांड एम्बेसडर बनाया था.
लेकिन आरोप है कि डॉल्फिन स्कूल एक छलावा था, दरअसल, राजेश शर्मा स्कूल की आड़ में रसूखदारों और नेताओं के कालेधन को ठिकाने लगाने का काम कर रहा था. इसमें हुए नुकसान की भरपाई के लिए स्कूल के पालकों को पहली से 12वीं क्लास तक की पूरी फीस करीब डेढ़ लाख रुपए बताकर एकमुश्त राशि वसूलने का काम किया. यही नहीं स्कूल स्टॉफ को महीनों तक वेतन नहीं दिया.

लेकिन नुकसान की भरपाई नहीं होने से वसूली के बढ़ते दबाव और पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद उसे रायपुर से वर्ष 2011 में भागना पड़ा. सालों तक फरारी काटने के बाद रायपुर पुलिस ने मिली सूचना पर वर्ष 2017 में हैदराबाद से दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर रायपुर लाई. इसके बाद से पति-पत्नी जेल में ही कैद रहे. मामले में अभी अदालत का फैसला नहीं आया है.
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