
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली : भारत में पिछले कुछ समय में कई दुखद हादसों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के विमान हादसा हुआ। इसमें 265 लोगों की जान चली गई। वहीं, आज सुबह उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश में 7 लोगों की मौत हो गई। इन हादसों ने न केवल मृतकों के परिवारों को गहरा सदमा दिया, बल्कि कई परिवारों ने अपने कमाऊ सदस्यों को खो दिया, जो उनके लिए आर्थिक और भावनात्मक रूप से बड़ा नुकसान है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हेलीकॉप्टर क्रैश में मृत्यु होने पर हेलीकॉप्टर कंपनी की ओर से मुआवजा मिलता है? आइए, इसके नियमों को समझते हैं।
हेलीकॉप्टर हादसों में मुआवजे का प्रावधान
भारत में सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की निगरानी में संचालित होती हैं। हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए विमानन बीमा करवाना अनिवार्य है। इस बीमा के तहत यात्री की मृत्यु या चोट की स्थिति में मुआवजा दिया जाता है। मुआवजे की राशि बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती है, लेकिन नियमानुसार प्रत्येक यात्री के लिए कम से कम 20 लाख रुपये का बीमा अनिवार्य है।
यदि हादसे में कंपनी या पायलट की लापरवाही साबित होती है, तो अतिरिक्त मुआवजा या जुर्माना भी लगाया जा सकता है। DGCA ऐसे हादसों की जांच करती है और जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारी तय की जाती है। कई मामलों में राज्य सरकारें भी मृतकों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करती हैं।
केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश और अन्य हादसों में मुआवजा
केदारनाथ में हुए हालिया हेलीकॉप्टर क्रैश में मृत 7 लोगों के परिवारों को हेलीकॉप्टर कंपनी की ओर से मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में भी मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया है। जिन यात्रियों ने अतिरिक्त बीमा लिया होगा, उन्हें उस पॉलिसी के तहत भी मुआवजा मिलेगा।
इस तरह, भारत में विमान और हेलीकॉप्टर हादसों में मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम हैं, जो पीड़ित परिवारों को कुछ हद तक आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं।
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