ख़बर रफ़्तार, देहरादून : बदरीनाथ धाम से उद्धव जी, कुबेर जी की देव डोली और आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुई। इसके बाद कल सोमवार को आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। बता दें, गढ़वाल स्काउट की मधुर बैंड धुनों के साथ शनिवार 18 नवंबर दोपहर 3:33 बजे श्रवण नक्षत्र में बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। इस दौरान करीब 5,500 श्रद्धालुओं ने धाम में दर्शन किए।
कपाट बंद होने के बाद कुबेर जी, उद्धव जी और गरुड़ जी की उत्सव डोली बामणी गांव पहुंची। रविवार को देव डोलियां पांडुकेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ नृसिंह मंदिर में विराजमान होंगी।
कढ़ाही भोग का हुआ आयोजन
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो गई थी। पहले दिन गणेश मंदिर और दूसरे दिन आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद हुए। 16 को खड़ग पुस्तक पूजन और 17 को महालक्ष्मी की पूजा और कढ़ाही भोग का आयोजन हुआ।
शनिवार को सुबह चार बजे बदरीनाथ भगवान की अभिषेक पूजा शुरू हुई। भगवान का विभिन्न प्रजाति के फूलाें से शृंगार किया गया। सुबह आठ बजे मंदिर में बाल भोग और सुबह 11 बजे राजभोग लगाया गया। दोपहर 12:45 बजे सांयकालीन पूजा हुई।
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