दिल्ली के शिवम बने टॉपर, बनना चाहते हैं IAS; बताया अपनी सफलता का राज

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ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले शिवम मिश्रा ने कहा कि अपनी सफलता के लिए आखिरी पांच माह में जो मेहनत की ये उसी का परिणाम है।

शिवम मिश्रा ने बताया सफलता का राज

वह बताते हैं कि बेहतर कार्ययोजना से उन्हें इस मुकाम पर पहुंचने में मदद मिली। क्योंकि साढ़े पांच माह की मिली स्टडी लीव में उन्होंने जो कार्ययोजना बनाई, उससे उन्हें अपने पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई। शिवम ने हर दिन के लिए अध्याय और विषय तय कर रणनीति के तहत घर में पढ़ाई की। मिश्रा बताते हैं कि उनके पास प्रत्येक दिन का विवरण उपलब्ध है, जिसमें उन्होंने कौन से दिन क्या पढ़ा और क्या तैयारी की।

शिवम की मां राधा हैं गृहणी

रोहिणी में रहने वाले शिवम मिश्रा ने केंद्रीय विद्यालय (सैनिक विहार) से 10वीं व 12वीं की पढ़ाई की है। उन्होंने दसवीं में 10 सीजीपीए और 12वीं में 94.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। शिवम मिश्रा के पिता नागेंद्र मिश्रा पेशे से ज्योतिषाचार्य हैं और मां राधा मिश्रा गृहणी हैं। उनकी एक बहन है जो कि शिक्षिका हैं।

आईएएस बनना चाहते हैं शिवम

मिश्रा ने बताया कि वह आगे चलकर आईएएस बनना चाहते हैं या फिर एमबीए करके फाइनेंस में ही अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। वह दोनों में से क्या करेंगे इस पर अभी निर्णय नहीं लिया है। फिलहाल वह नौकरी करेंगे। उसके बाद इस पर निर्णय लेंगे।

शिवम मिश्रा ने बताया कि कड़ी मेहनतत ही सफलता की गारंटी है। अपने इस परिश्रम के दौरान वह दस दिन तक परिवार के साथ दादी की बरसी के मौके पर भी नहीं जा पाए थे।

शिवम ने बताया कि जब आप लगातार पढ़ाई करते हैं तो एक डर असफलता का भी आपके सामने आता है लेकिन, उससे डरना नहीं है। जब भी नकारात्मक ख्याल आए तो उसे छोड़कर दोस्तों से बात करें या कुछ समय निकाल कर ध्यान को सकारात्मक करने के लिए वेबसीरीज देख सकते हैं। लेकिन ध्यान केंद्रित पढ़ाई पर ही रखना है।

पढ़िए क्या बताते हैं शिवम

शिवम बताते हैं कि सबसे ज्यादा अहम है कि अपनी कार्ययोजना इस तरह से बनाए कि परीक्षा से पहले तैयारी पूरी रहे। मॉक टेस्ट के जरिये अपनी कमजोरी की पहचान करें। उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि इस परीक्षा के परिणाम में दस प्रतिशत ही लोग सफल हो पाते हैं लेकिन, मेरा लक्ष्य शुरू से ही शीर्ष दस में स्थान बनाने का था। यह लक्ष्य पूरा हो गया है तो सभी लोग खुश हैं।

नारनौल की ईशा ने भी पास की परीक्षा

हरियाणा के नारनौल की एम्प्लॉय कॉलोनी (मालवीय नगर) निवासी शिक्षक संजय गर्ग की पुत्री ईशा गर्ग ने भी सीए की परीक्षा पास की है। ईशा ने अपने परिवार का नाम रोशन किया है।

ईशा ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया

ईशा गर्ग ने अपनी सफलता श्रेय मां नीरज गर्ग, पिता संजय गर्ग व अपने गुरुजनों को दिया है। ईशा की सफलता पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है।

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