
ख़बर रफ़्तार, दिल्ली: नारायणा थाना पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान बिहार के सीतामढ़ी के पिंकू उर्फ एकांश, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रजई आनापुर के राजीव उर्फ आनंद बिहारी कुशवाह, नोएडा के परमानंद, गाजियाबाद के अनूप कुमार, मेरठ के हरीश कुमार, एटा के बनार गांव के सुरेंद्र, द्वारका के निशांत मोहन कुमार उर्फ वाशव व जनकपुरी के शैलेंद्र राय उर्फ शिवम के रूप में हुई है।
25 लाख रुपये के निवेश का झांसा
उन्होंने शिकायतकर्ता को लालच दिया कि अगर वे 25 लाख रुपये का निवेश करते हैं तो आरटीजीएस के माध्यम से उनके जीएसटी खाते में 50 लाख रुपये आ जाएंगे। पिंकू उर्फ एकांश ने शिकायतकर्ता से उन्हें मिलवाया था।
शिकायतकर्ता ने 25 लाख रुपये की व्यवस्था की और राजीव, रोहित, वाशव और दो अन्य व्यक्तियों को दे दिए।इसी दौरान दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी बनकर कुछ लोग दफ्तर में आए व उनसे 25 लाख रुपये लेकर चले गए।नारायणा थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस ने पिंकू उर्फ एकांश से पूछताछ की, क्योंकि उसने ही शिकायतकर्ता को आरोपितों से मिलवाया था।पूछताछ में पता चला कि वह भी इस मामले में शामिल है। इसलिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। तकनीकी जांच के आधार पर राजीव उर्फ आनंद बिहारी कुशवाह और निशांत मोहन कुमार उर्फ वाशव को मोहन गॉर्डन से गिरफ्तार किया गया।
झूठे वादे देकर बनाते शिकार
उन्होंने बताया कि वे झूठे वादे पर भोलेभाले लोगों को ठगते हैं। पिंकू उर्फ एकांश को कार्यालय में निवेश करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम दिया था।इसके बाद अलग-अलग जगह छापेमारी कर शैलेंदर उर्फ शिवम, अनूप, परमानंद, हरीश और सुरेंद्र पाल को गिरफ्तार किया गया।
सुरेंद्र पाल ने बताया कि वह द्वारका में व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) के रूप में कार्यरत है। वह आरोपित हरीश शर्मा उर्फ रोहित को जानता है। उसने नारायणा स्थित कार्यालय पर फर्जी छापा मारा और 25 लाख रुपये लेकर चले गए थे। उसके साथ शेर सिंह और आरके यादव नाम के दो सहयोगी भी थे, जो फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।
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