
ख़बर रफ़्तार, दिल्ली पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मंच का इस्तेमाल पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगलने के लिए किया। भुट्टो ने न्यू यॅार्क में आयोजित एक कॅाफ्रेंस के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है। नाराज कार्यकर्ताओं ने दिल्ली भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता संतोष कुमार सिंह के अनुसार दिल्ली पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को पाक दूतावास की ओर मार्च करने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए हैं। हालांकि बेकाबू कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दी है। दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया है।
प्रदर्शन में शामिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा कि बिलावल आतंकी देश के हताश विदेश मंत्री है। उन्हें पाकिस्तान का पप्पु कहा जाता है। सूर्या ने कहा, ‘पाकिस्तान से अधिकांश देश किसी तरह का संबंध नहीं रखना चाहते हैं। आज पूरा विश्व मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। बिलावल की माता बेनजीर भुट्टो की हत्या आतंकियों ने की थी। बावजूद इसके बिलावल आतंकियों के साथ खड़े हैं।’ बता दें कि प्रदर्शनकारी तीन मूर्ति चौक से नारेबाजी करते हुए पाकिस्तान उच्चायोग की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने अवरोधक लगाकर पहले ही रोक दिया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘पाकिस्तान हाय हाय के नारे भी लगाए।’ दरअसल, भुट्टो ने पीएम मोदी पर निजी हमले किए थे। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिलावल ने कहा कि भारत सरकार गांधी की विचारधारा में विश्वास करने के बजाय उनके कातिल के सिद्धांतो में विश्वास करती है। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार हिटलर से प्रभावित है।
- एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की लगाई थी क्लास
गौरतलब है कि पाकिस्तान के मंत्री द्वारा दिए गए अभद्र बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पाकिस्तान की क्लास लगाने के बाद आया था। दरअलस, विदेश मंत्री ने संयुक्त सुरक्षा परिषद में बोलते हुए कहा था कि जिस देश ने आतंकी ओसामा बिन लादेन की आवाभगत की हो और पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया हो। ऐसे देश को उपदेश देने का अधिकार नहीं है।
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