चैत्र नवरात्रि2024: व्रत के बाद कर रहे हैं कुट्टू के आटे का सेवन तो पहले पढ़ लें ये खबर, आपके बहुत काम आएगी

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून: नवरात्रि में लोग अक्सर कुट्टू के आटे का सेवन करते हैं। यह आटा पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लेकिन, गेहूं के आटे की तुलना में कुट्टू के आटे की सेल्फ लाइफ कम होती है। ऐसे में यह नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। जिसे देखते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने एडवाइजरी जारी की है।

एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने बताया कि जागरूकता की कमी के कारण कई बार ग्राहक खराब कुट्टू का आटा लाकर इस्तेमाल कर लेते हैं। जिसके चलते वह बीमार पड़ जाते हैं। इस तरह की पूर्व में कई घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। इसी को ध्यान में एडवाइजरी जारी की गई है।
ग्राहक कुट्टू का आटा खरीदते समय कुछ बिंदुओं का ध्यान रखें
  • खुले आटे को जांच-परखकर ही खरीदें।
  • कुट्टू के खुले आटे की अवधि एक माह होती है।
  • लिहाजा, इससे अधिक पुराना आटा सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • का पैक़्ड आटा खरीदने से पूर्व भी लेबल पर अंकित विवरणों को पढ़ लें।
  • खराब, फंगस व कीड़ा युक्त और हरा व ग्रे रंग का कुट्टू का आटा न खरीदें।
  • कुट्टू के आटे से निर्मित व्यंजनों का कम मात्रा में ही सेवन करें।
  • रिटेल एवं थोक विक्रेताओं से भी अपील है कि कुट्टू का सही आटा ही बेचें।
  • खराब आटा बेचने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस तरह के आटे से करें परहेज

  • जिस आटे मे गांठ दिखे, उसे न खरीदें।
  • गांठ वाले आटे में फंगस होने की प्रबल आशंका रहती है।
  • यदि आटे में नमी दिखे और वह भुरभुरा न हो तो उसे भी न खरीदें।
  • यह भी देखा जाए कि आटे में कीड़े तो नहीं हैं, क्योंकि कीड़ों के अंडे पकाने के बाद भी बने रहते हैं।
  • कुट्टू के आटे का रंग गहरा भूरा होता है, पर यदि मिलावट की है तो रंग में बदलाव दिखेगा।
  • कुट्टू का आटा अगर ग्रे या हल्के हरे रंग का नजर आए तो समझ जाएं कि मिलावट है।

ऐसे करें मिलावट की जांच

कुट्टू के आटे की मिलावट जांचने के लिए पानी की मदद ली जा सकती है। एक कांच के ग्लास को पानी से आधा भरकर एक चम्मच कुट्टू का आटा डालें। अगर मिलावट की गई है तो आटा नीचे बैठ जाएगा। जबकि अन्य पदार्थ पानी में तैरने लगेंगे।

कुट्टू के आटे की मिलावट जांचने के लिए गूंथकर देखें। अगर गूंथते वक्त आटा बिखर जाता है, तो इसका मतलब है कि आटे में मिलावट की गई है। ध्यान रखिए कि असली कुट्टू का आटा कभी बिखरता नहीं है।

अत्यधिक सेवन भी नुकसानदायक

जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डा. प्रवीण पंवार के अनुसार सेहत के लिए फायदेमंद होने के बावजूद कुट्टू का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर पेट में भारीपन, मरोड़, गैस और पेट में दर्द जैसी परेशानियां बढ़ा सकता है।

कुट्टू से एलर्जी की भी आशंका रहती है। जिन लोगों को इससे एलर्जिक होने की जानकारी नहीं होती उन्हें इसका सेवन करने से कुछ समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, मतली या उल्टी और चक्कर आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

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