राहत के नाम पर खानापूरी, भूख से बिलखते इंसान और मवेशी, हमीरपुर में भूसा लूटने पर मजबूर हुए ग्रामीण
खबर रफ़्तार, बांदा/हमीरपुर: यूपी के बांदा और हमीरपुर जिले में बाढ़ पीड़ितों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। प्रशासन के राहत कार्यों की ज़मीनी हकीकत फोटो और दिखावे तक सीमित नजर आ रही है। “पूड़ी चाहिए तो पहले फोटो खिंचवाओ!”…बाढ़ से त्रस्त लोगों को यह जवाब लेखपालों से मिल रहा है।
फोटो खिंचवाओ, फिर मिलेगा लंच पैकेट : बांदा के पैलानी तहसील के गांवों में लोग 10–15 किलोमीटर दूर मुख्यालय जाकर लंच पैकेट लेने को मजबूर हैं। राशन वितरण से पहले व्यक्तिगत फोटो लेना और ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस ‘डिजिटल झमेला’ में भूख सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है, लेकिन उसका समाधान कोई नहीं कर रहा।
ग्रामीणों की बेबसी और ज़ुबानी : राम प्यारी, नारदादेव गांव: “अब तक प्रशासन से कुछ नहीं मिला, कुछ लोगों ने आटा-चावल दिया, उसी से गुज़ारा कर रहे हैं।” अशोक, प्रधान, आमारा गांव: “यहां कोई लंच पैकेट या राशन किट नहीं बांटी गई।” सरजू, सिंधन गांव: “प्रशासन मदद नहीं कर रहा, आटा तक नहीं मिल रहा।”
मवेशियों के लिए भी चारे का संकट :हमीरपुर में भूसे के लिए मारामारी हो रही है। चौरादेवी मंदिर परिसर में बने केंद्र से भूसा बांटा जा रहा था, लेकिन रविवार रात ग्रामीणों ने जबरन लूट लिया। वायरल वीडियो में लोग भूसा उठाते दिखे, जबकि अधिकारी रोकते नजर आए। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. उपेंद्र सिंह का कहपा है कि गांव में अब तक100 क्विंटल भूसा बांटा जा चुका है।
राहत शिविरों में “थ्योरी” का मेन्यू, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और
सरकारी आदेशानुसार राहत कैंप में नाश्ते के वक्त दलिया, उबला चना, पोहा, मौसमी फल, बच्चों और बुजुर्गों को दूध, दोपहर और रात में सब्जी, दाल, चावल, रोटी या पूड़ी लेकिन हकीकत में ज़्यादातर लोगों ने अब तक दूध और फल भी नहीं देखा। भोजन के लिए तंबुओं और शिविरों में अफरा-तफरी की स्थिति है। वहीं डीएम बांदा का कहना है कि “चाहे कैंप हो या खुले में, हर जरूरतमंद को राशन और लंच पैकेट दिया जाएगा। कोई दिक्कत हो तो टोल फ्री नंबर पर शिकायत करें।”
 
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            
 
                 
                                     
                                     
                                     
                             
                             
                                                         
                                
                         
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                
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