
ख़बर रफ़्तार, बदायूं: लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को एक और बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद रविवार को सलीम इकबाल शेरवानी ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि वह राज्यसभा के चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज थे।
बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद रहे सलीम शेरवानी ने अपने इस्तीफे को लेकर अखिलेश यादव को लिखे गए पत्र में मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया। लिखा कि सपा में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं। जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा।
उन्होंने कहा कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है, राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया। बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी। मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में हैं।
सलीम शेरवानी ने आरोप लगाया कि जिस तरह से आपने (अखिलेश यादव) पीडीए का नाम लिया, लेकिन राज्यसभा के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते।
कौन हैं सलीम शेरवानी
सलीम शेरवानी बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद रह चुके हैं। वह चार बार सपा के टिकट पर चुनाव जीते, जबकि पहली बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे। सलीम शेरवानी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी रहे। उनके कहने पर उन्होंने 1984 में पहला चुनाव लड़ा था।
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