
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: गूगल के अधिकारियों ने सोमवार को ईडी के सामने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के प्रचार से जुड़े धनशोधन मामले में बयान दर्ज कराया, जबकि मेटा के अधिकारी पेश नहीं हुए। ईडी जानना चाहती है कि ऐसे प्लेटफॉर्म गूगल और अन्य सोशल मीडिया पर विज्ञापन कैसे चलाते हैं; कुछ अभिनेता और खिलाड़ी भी जांच के घेरे में हैं।
गूगल के प्रतिनिधियों ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खेलने वाले ‘अवैध’ प्लेटफॉर्म के प्रचार से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत बयान दर्ज कराया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि मेटा के अधिकारियों ने बयान दर्ज नहीं कराया है। ईडी ने दोनों टेक कंपनियों के अधिकारियों को पहले 21 जुलाई को बुलाया था, लेकिन बाद में उन्हें अधिक समय देते बयान दर्ज करने की तारीख 28 जुलाई तक बढ़ा दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में ईडी गूगल के एक अनुपालन अधिकारी का भी बयान दर्ज कर सकती है और कंपनी से कुछ दस्तावेज भी प्राप्त कर सकती है।
मेटा ने नहीं दर्ज कराया बयान
मेटा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसे पहले फेसबुक के नाम से जाना जाता था। केंद्रीय एजेंसी कई ऐसे प्लेटफॉर्म की जांच कर रही है, जो अवैध सट्टेबाजी और जुआ से जुड़े लिंक होस्ट करते हैं। साथ ही ऐसे विज्ञापनों की भी जांच कर रही है, जो विभिन्न सोशल मीडिया और ऐप स्टोर पर दिखाए गए हैं।
जांच के दायर में अभिनेता और खिलाड़ी
ईडी ने इन टेक दिग्गजों को बुलाकर यह पता लगाने की कोशिश की है कि ये अवैध प्लेटफॉर्म उनके प्लेटफॉर्म पर कैसे विज्ञापन देते हैं। कुछ अभिनेता, सेलिब्रिटी और खिलाड़ी भी इस जांच के दायरे में हैं और उनसे भी बयान लिए जाने की संभावना है।
ईडी का दावा है कि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खेलने वाले प्लेटफॉर्म लोगों की कमाई का गबन करते हैं और करोड़ों रुपये की कर चोरी व धनशोधन करते हैं। गूगल ने यह भी कहा कि उनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक और मानव विशेषज्ञता निरंतर सुनिश्चित करती है कि उनके प्लेटफॉर्म पर सभी विज्ञापन स्थानीय कानूनों और उनकी सख्त विज्ञापन नीतियों के अनुरूप हों और यूजर्स को बढ़ते खतरे से बचाएं।
गूगल ने पिछले साल 2.47 करोड़ अवैध विज्ञापन हटाए
उन्होंने बताया कि पिछले साल भारत में उन्होंने 2.47 करोड़ से ज्यादा अवैध विज्ञापन हटाए और 29 लाख से अधिक विज्ञापन देने वाले खातों को निलंबित किया। ईडी देशभर में अवैध जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़े दर्जनों मामलों की जांच कर रही है, जिनमें महादेव ऑनलाइन बुक (एमओबी) ऐप भी शामिल है, जिसके मुख्य प्रमोटर छत्तीसगढ़ के हैं।
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