
खबर रफ़्तार, देहरादून: सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल के गुस्से का शिकार हुई श्रेया के परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं है। पांच साल पहले बंगाल में आकर बार डांसर बनी श्रेया ही एकमात्र कमाने वाली थी। उसके ऊपर अपनी मां और तीन भाई-बहनों का जिम्मा था।
परिवार में सबसे बड़ी होने के नाते इस बात का बखूबी ध्यान रखती थी और हर महीने 30 से 35 हजार रुपये नेपाल भेजती थी। श्रेया की मौत के बाद नेपाल में उसका परिवार सदमे में है। फिलहाल, परिवार के भरण-पोषण के लिए उनके पास कोई साधन नहीं है। श्रेया की छोटी बहन सिजाना ने तीन दिन पहले देहरादून पुलिस से संपर्क किया था।
सिजाना अपने एक पारिवारिक दोस्त के साथ भारत आने के लिए बृहस्पतिवार को नेपाल से निकली थी। वह शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के बागडूगरा एयरपोर्ट पर पहुंची थी। इसके बाद वह रात तक दिल्ली पहुंचेगी। वहां से ट्रेन के जरिये शनिवार को देहरादून आएगी। इसके बाद ही श्रेया के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सिजाना ने फोन पर बताया, पिता की पांच साल पहले मौत हो गई थी। पांच साल पहले यह जिम्मेदारी श्रेया ने अपने कंधों पर उठा ली।
श्रेया रोजगार की तलाश में भारत आ गई। परिवार वालों को यह नहीं पता था कि उसका लेफ्टिनेंट कर्नल से कोई संपर्क था या नहीं।
श्रेया का छोटा भाई नेपाल के ही कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा, जबकि सबसे छोटी बहन 10वीं कक्षा में पढ़ती है।
सिजाना ने कहा, श्रेया के जाने से उनके परिवार की जैसे रीढ़ ही टूट गई है। श्रेया के जाने से मां का रो रोकर बुरा हाल है।
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