बरेली: फर्जी कागज से बचने का प्रयास, अभियुक्त के विरुद्ध कोर्ट ने कुर्की वारंट किया जारी

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खबर रफ़्तार, बरेली: गैंगस्टर, धोखाधड़ी, आबकारी एक्ट के 16 वर्ष पुराने मुकदमे में अभियुक्त के विरुद्ध कोर्ट ने कुर्की वारंट जारी किया था। वारंट तामील कराने पहुंचे एसआई को अभियुक्त ने फर्जी कागज दिखाकर बताया कि उसने कोर्ट से वारंट रिकाॅल करा लिया है। पुलिस ने वारंट बगैर तामील कराए कोर्ट में वापस कर दिया।

न्यायालय ने फाइल में पाया कि अभियुक्त न तो कोर्ट में हाजिर हुआ है न ही कोई वारंट रिकाॅल हुआ है। मामले में स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट तबरेज अहमद ने इज्जतनगर पुलिस को मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त विनोद अरोड़ा का गैर जमानती वारंट और कुर्की आदेश जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने सुनवाई को 1 मई की तिथि नियत की है।

कुर्की वारंट को तामील कराने थाना शालीमार गार्डन जिला गाजियाबाद से अभियुक्त विनोद अरोड़ा के निवास पहुंचे थाना इज्जतनगर के एसआई गुरदीप सिंह ने अदालत को बताया कि 24 फरवरी को 133 जेपी अपार्टमेंट शांति नगर गाजियाबाद गया, वहां जाकर पता चला कि इस मकान में मीनू शर्मा निवास कर रही हैं। विनोद अरोड़ा ने आठ वर्ष पूर्व यह मकान उन्हें बेच दिया था।

मीनू के पति अमन शर्मा से विनोद का मोबाइल नंबर लेकर कॉल की तो मुल्जिम ने बताया कि उसने न्यायालय में हाजिर होकर अपना वारंट वापस करा लिया है। उसके वाट्सएप रोपकार की प्रति भेजी थी, इसी कारण उसके द्वारा अभियुक्त के वारंट बगैर तामील के वापस किए जा रहे हैं।

अदालत के लिपिक ने नोटिस पर कोर्ट को बताया कि मामले में न्यायालय के आदेश के संबंध में न तो कोई दस्तावेज जारी किया गया है और न ही मोहर और हस्ताक्षर उनके हैं। अदालत ने आदेश में उल्लेखित किया कि अभियुक्त ने फर्जी कागजात, इसलिए तैयार किए कि न तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर सके और न ही उसकी संपत्ति कुर्क हो सके। इस प्रकार यह एक गंभीर अपराध है। जांच का विषय है।

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