SCO सम्मेलन में पीएम मोदी का सख्त संदेश: आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों पर उठाए सवाल

खबर रफ़्तार, तियानजिन : चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने देशों की संप्रभुता की अहमियत पर बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों की ओर से आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।’ उन्होंने कहा कि हमें स्पष्ट रूप से और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।उन्होंने कहा, ‘पिछले 24 वर्षों में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने एशिया क्षेत्र में सहयोग और आपसी जुड़ाव को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है। SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है: S — Security, C — Connectivity, O — Opportunity.’

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है। कोई देश, कोई समाज अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता, इसलिए आतंकवाद से लड़ाई में भारत ने एकजुटता पर बल दिया है। इसमें SCO ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत ने संयुक्त सूचना संचालन (Joint Information Operations) को लीड करते हुए आतंकी संगठनों से लड़ने की पहल की है। टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। इस पर मेरे समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं। भारत पिछले 4 दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है। इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह (पहलगाम) हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति को खुली चुनौती था।  ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।

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