
खबर रफ़्तार, ऊधम सिंह नगर: फ्रिज के युग में भी मिट्टी के घड़े (मटका) की मांग कम नहीं हुई है। गर्मी बढ़ते ही मटके की डिमांड और बढ़ गई है। गर्मी का सीजन शुरू होते ही लोग पानी को ठंडा करने के लिए रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल करते हैं।
फ्रिज के युग में भी मिट्टी के घड़े (मटका) की मांग कम नहीं हुई है। गर्मी बढ़ते ही मटके की डिमांड और बढ़ गई है। गर्मी का सीजन शुरू होते ही लोग पानी को ठंडा करने के लिए रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल करते हैं। यह कई मायनों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है जबकि घड़े में भरा पानी पीने से सेहत को कई तरह से लाभ मिलते हैं। मटके का पानी पाने से पाचन तंत्र में सुधार होता है और एसीडिटी से आराम मिलता है। साथ ही यह लू से बचाव करता है। मटके का पानी पीने से गले को आराम मिलता है।
मानपुर तिराहा पर घड़ा विक्रेता अमर सिंह प्रजापति व देवराज सिंह ने बताया कि बाजार में इस वक्त 100 से लेकर 500 रुपये तक का घड़ा बिक रहा है। क्षेत्र में लगभग 8-10 दुकानें हैं जो प्रतिदिन 100-120 घड़े बेच लेते हैं। वहीं नगर क्षेत्र में बिकने वाला अधिकतर घड़ा यूपी के बादली टांडा सीकमपुर व रामनगर रैका से आता है। प्रजापति बताते हैं वह लोग वहां से घड़ा लेकर आते हैं और यहां पर उसमें टोंटी लगाकर बेचते हैं
यह हैं मिट्टी के घड़े के फायदे
मिट्टी में नेचुरल मिनरल्स होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। पानी को संतुलित तापमान पर ठंडा होने से खराश नहीं होती है। रेफ्रिजरेटर के ठंडे पानी की अपेक्षा में यह दिल के लिए अधिक सुरक्षित है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। मिट्टी के तत्व पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं और एसिडिटी कम करते हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल है और पूरी तरह से ईको फ्रेंडली है।
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