देहरादून के स्कूलों की मनमानी, निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने को अभिभावक मजबूर

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून : निजी स्कूलों की मनमानी से इस बार भी अभिभावक अछूते नहीं हैं। तीसरी व छठी कक्षा को छोड़ अन्य कक्षा की एससीईआरटी की किताबें होने के बाद भी अधिकांश निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें मंगा रहे हैं।

प्रत्येक कक्षा में एससीईआरटी अथवा एनसीईआरटी की किताबें एक से दो ही मंगाई जा रही है, ताकि कार्रवाई से बचा जा सके। इसके अलावा स्कूलों की ओर से अभिभावकों से तय दुकान से विभिन्न कक्षाओं के कापी-किताबों का सेट लेने को कहा जा रहा है। विभिन्न कक्षा में एससीईआरटी के मुकाबले किताबों के दाम तीन गुना ज्यादा हैं। इसी तरह तय दुकान से स्कूल के नाम लिखी कापी का सेट भी महंगा है।
इसके साथ ही रबड़, पेंसिल, शापनर के दाम भी 20 प्रतिशत तक बढ़े हैं। दुकान में पहुंच रहे अभिभावक कापी-किताब के दाम सुन हैरान व परेशान हैं। वहीं, दाम बढ़ने का कारण स्टेशनरी संचालक कागज महंगा होने का हवाला दे रहे हैं।

निजी स्कूलों में सिर्फ एनसीईआरटी अथवा एससीईआरटी की किताबें लागू करने के लिए शिक्षा विभाग भी कई वर्षों से प्रयास कर रहा है, लेकिन इस पर स्कूल अमल नहीं करते हैं।

अब नए सत्र के लिए विभिन्न कक्षाओं में अध्ययनरत बच्चों के लिए अभिभावक कापी, किताब, ड्रेस, बैग, जूते, मौजे के लिए दुकान में पहुंच रहे हैं। कई स्कूलों ने तय दुकान से ही अभिभावकों से कापी-किताब खरीदने को कहा है।

वहीं, बुक सेलर की दुकान पर पहुंच रहे अभिभावक दाम सुनकर परेशान हैं। उनका कहना है कि विभाग जहां एससीईआरटी की किताबें मंगवाने को कहता है, लेकिन स्कूल प्रबंधन इसका पालन नहीं करते हैं। सिर्फ दिखाने के लिए ही एससीईआरटी की किताबें रखी जाती हैं, लेकिन अधिकांश महंगी प्रकाशकों की किताब वह भी तय दुकान से खरीदने को कहा जा रहा है। वहीं, विभागीय अधिकारी भी इसे अनदेखा करते हैं। जिससे हर वर्ष की भांति इस बार भी उन्हें स्कूलों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है।

कापियां भी बीते वर्ष के मुकाबले दोगुने दाम पर मिल रही हैं। शहर में कुछ बुकसेलर की दुकानों के बाहर संबंधित स्कूल की ड्रेस के बोर्ड लगाए गए हैं। स्कूल भी कुछ दुकानों से अभिभावकों को खरीदने को कह रहे हैं। कापी किताब के सेट वाली पर्ची में कई स्कूलों ने तो संबंधित बुकसेलर का नाम भी दर्शाया गया है। अभिभावक दुकान पहुंचता है तो पूरा सेट तैयार रहता है, लेकिन दाम सुनकर अभिभावक परेशान हो जाते हैं।

बीते वर्ष के मुकाबले कापी के दाम

  • कापी पेज, पहले दाम, वर्तमान दाम
  • 120, 30, 55
  • 144, 40, 65
  • 160, 45, 65,
  • 200, 70, 90

रजिस्टर पेज, दाम पहले, वर्तमान दाम

  • 192, 70, 95
  • 225, 80, 110

विभिन्न कक्षाओं के लिए इस तरह बढ़ रहे किताबों के दाम

  • कक्षा, एससीईआरटी, निजी प्रकाशकों की किताब
  • एक से तीन, 320-435, 1100-1600
  • चार से पांच, 750-800, 1700-2200
  • छह से आठ, 900-1000, 1900-2600
  • नौवीं व 10वीं, 950-1050, 2000-2800

पेंसिल, पेन व रबर के दाम में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी

इस बार पेन, पेंसिल, रबर व शापनर के दाम में भी बीते वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। नटराज की 20 पेंसिल का बाक्स पहले 50 रुपये का था जो अब 65-70 रुपये तक बिक रहा है। 20 पीस वाला रबर का बाक्स 30 रुपये से बढ़कर 50 में बिक रहा है। इसी तरह 30 पीस वाला शापनर का बाक्स अब 30 से बढ़कर 50 रुपये पहुंच गया हे।

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