
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को वृद्धि दर और महंगाई पर अहम टिप्पणी की। उन्होंने बाताया कि एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बदलकर 6.8% कर दिया। एमपीसी की बैठक के दौरान चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमानों को भी संशोधित किया गया। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को संशोधित कर 6.8% कर दिया। अगस्त में इसके 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया था। अगले वर्ष की पहली तिमाही के लिए वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत की तिमाही जीडीपी वृद्धि दर पहली तिमाही में 7.8%, दूसरी तिमाही में 7%, तीसरी तिमाही में 6.4% और चौथी तिमाही में 6.2% रहने का अनुमान लगाया है। फरवरी से अब तक कुल 100 आधार अंकों की कटौती के बाद, केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को 5.5% पर अपरिवर्तित रखा। अगस्त में हुई पिछली एमपीसी बैठक में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था।
आरबीआई गवर्नर के अनुसार अर्थव्यवस्था के बदलते घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने के बीच वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे बढ़कर 4.5% होने की आशंका है। मल्होत्रा ने कहा, “एमपीसी ने पाया है कि खाद्य कीमतों में भारी गिरावट और जीएसटी दरों में सुधार के कारण पिछले कुछ महीनों में समग्र मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण और भी अनुकूल हो गया है।” भारत में खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में आठ साल के निचले स्तर 1.55% से बढ़कर अगस्त में 2.07% हो गई है। मुद्रास्फीति आरबीआई के 2-4% की सहनशीलता सीमा के भीतर रही है।”

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