बहन की मौत के बाद 5KM तक कंधे पर शव लेकर चलते रहे भाई, Video वायरल हुआ तो एसडीएम बोले- मदद मांगते तो…

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ख़बर रफ़्तार, लखीमपुर:  बाढ़ की विभीषिका ने लोगों को इस कदर मजबूर कर दिया है कि उन्हें अपने परिजनों के शव को कंधे पर लेकर चलना पड़ रहा है। गुरुवार को टाइफाइड से पीड़ि‍त एक किशोरी की मौत हो जाने के बाद साधनों के अभाव में उसके भाइयों को शव को पांच किलोमीटर तक कंधे पर लादकर चलना पड़ा। इसके बाद वह अपने घर तक पहुंच सके, तब जाकर बहन के शव का अंतिम संस्कार हो सका।

मैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम एलनगंज निवासी राजेश अपने भाई व बहन शिवानी (16) के साथ यहां रहकर पढ़ाई करते थे। करीब आठ दिन पहले शिवानी की तबीयत खराब हुई तो उसे एक निजी चिकित्सक के यहां दिखाया गया। चिकित्सक ने बताया कि उसे टाइफाइड हो गया है और उसका इलाज शुरू कर दिया। दो-तीन दिन में फायदा न होने पर शिवानी को निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहां पर बीते गुरुवार को उसकी मौत हो गई।

5KM तक कंधे पर शव लेकर चलते रहे भाई

बहन की मौत होने के बाद भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। साथ ही उनके सामने विकट समस्या यह भी पैदा हो गई कि वे लोग बहन के शव को किस तरह से अपने घर ले जाएं। किसी वाहन से वे लोग बहन के शव को लेकर अतरिया क्रॉस‍िंग के पास पहुंचे और वहां पर पुलिया कट जाने के कारण नाव से पानी का बहाव पार करके रेल लाइन तक पहुंच गए। इसके बाद दोनों भाई बारी-बारी से बहन के शव को कंधे पर लादकर लगभग पांच किलोमीटर दूरी तय करके शारदा पुल के पास पहुंचे और वहां से फिर घर को रवाना हो गए।

झकझोर देने वाली है घटना

यहीं पर राजेश के पिता देवेंद्र भी मिल गए और सब लोग मिलकर शव को एक वाहन से अपने साथ ले गए। बाढ़ की विभीषिका के कारण उत्पन्न ऐसे हालात में इस तरह की घटना दिल को झकझोर देने वाली है। किस तरह से भाइयों ने बहन के शव को कंधे पर उठाकर रास्ता तय किया होगा इसका सहज अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। हालांकि, इस स्थिति से बचने के लिए पुलिस व प्रशासन की मदद ली जा सकती है, लेकिन राजेश व उसके भाई ने किसी से कोई मदद नहीं मांगी और स्वयं ही यह दुख सहन किया।

एसडीएम बोले- मदद मांगी जाती तो जरूर उपलब्‍ध कराई जाती

इस संबंध में एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हुई है। पीड़ि‍त ने पुलिस या प्रशासन से न तो संपर्क किया और न ही कोई मदद मांगी। अगर मदद मांगी जाती तो प्रशासनिक स्तर पर सहायता जरुर उपलब्ध कराई जाती। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण रास्ते बंद होने के कारण इस तरह की असहज स्थिति पैदा हुई है।

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