UP: इस वजह से हुआ एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा, 13 लोगो गई जान

ख़बर रफ़्तार, मथुरा : मथुरा में घने कोहरे में बलदेव स्थित माइलस्टोन 127 के पास भीषण सड़क हादसा हुआ। सात डबल डेकर और एक रोडवेज समेत आठ बसों और तीन कारों में टक्कर के बाद आग लग गई। आठों बसें जलकर राख हो गईं। चार अन्य डबल डेकर बसें क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई।

मथुरा में एक्सप्रेस-वे पर दो कारों की भिड़ंत के बाद गाड़ी सवारों की बहस की नादानी खौफनाक कहानी में बदल गई। लोगों ने बताया कि दोनों कारों के सवार सड़क पर ही बहस करने लगे और देखते ही देखते तीसरी कार भी आकर टकरा गई। इस कार का पेट्रोल टैंक फट गया और आग लग गई। फिर तो एक के बाद एक बस और कारें एक दूसरे में जा घुसी और मंजर पूरी तरह से भयावह हो गया।

यमुना एक्सप्रेस-वे के माइलस्टोन 127 पर घने कोहरे में दृश्यता शून्य थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह लगभग पौने चार बजे सबसे पहले एक अर्टिगा कार स्विफ्ट डिजायर से टकरा गई। इस पर दोनों के सवार वहीं रुककर झगड़ने लगे। 

इसी बीच तीसरी ब्रेजा कार भी आकर टकरा गई। लोग कुछ समझ पाते तब तक पीछे से आ रही तेज रफ्तार डबल डेकर बस ने ब्रेजा कार में टक्कर मार दी। बस की टक्कर से तीनों कारें 10 मीटर तक घिसटती चली गईं। रगड़ से ब्रेजा कार की पेट्रोल टंकी से लपटें निकलने लगीं और देखते ही देखते कार आग का गोला बन गई।

फिर धीरे-धीरे आग विकराल हो गई और एक के बाद एक टकराईं बसें आग की चपेट में आ गईं। इनमें लपटे निकलने लगीं। एक के बाद एक बसें और कार इन वाहनों में आकर टकराते रहे। धू-धू कर वाहन जलते रहे और लोग भी जिंदा जलने लगे।

बस से निकलने का मौका तक न मिला
यात्रियों में चीख पुकार मच गई और जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन लपटें इतनी भीषण थी कि कुछ को बस से निकलने का मौका ही नहीं मिला, जिससे वह जिंदा जल गए। कुछ यात्री निकलकर एक्सप्रेस के किनारे खेतों में भाग गए।
Mathura accident on expressway An argument that followed a collision between two cars led to horrific accident
इसके बाद बचाव दल ने रेस्क्यू शुरू किया। क्षत-विक्षत शवों को इकट्ठा करके पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया। झुलसे व घायलों को बलदेव सीएचसी, आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज, मथुरा जिला अस्पताल और वृंदावन सौ शैय्या भेज दिया। 
Mathura accident on expressway An argument that followed a collision between two cars led to horrific accident
हादसे के बाद का रूह कंपा देने वाला था मंजर
यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे के बाद का मंजर रूह कंपा देने वाला था। पूरी तरह जल चुकीं बसों के ढांचों से पुलिस व फायरकर्मियों ने अधजली लाशें निकालीं। कई बसों में नर कंकाल ही निकल सके। माइलस्टोन 127 पर पानी और राख बिखरी पड़ी थी। एक्सप्रेस वे पर हादसे के कई घंटे बाद भी मंजर झकझोरने वाला था। ज्यादातर घायलों को अस्पतालों में भेजा जा चुका था।
Mathura accident on expressway An argument that followed a collision between two cars led to horrific accident
अधजले शव और कुछ कंकालों को समेटकर पोस्टमार्टम गृह ले गए
फायर ब्रिगेड, पुलिस- एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल के सदस्य बसों के ढांचों से अधजले शव और कुछ कंकालों को समेटकर पोस्टमार्टम गृह ले गए। कंकालों से साफ है कि बसों में लगी आग इतनी भीषण हो गई थी कि कई यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल सका।
अगर दमकलों ने जल्द आग पर काबू पा लिया होता, तो यात्रियों के शव कंकाल में तब्दील नहीं होते। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि बसों में उठती आग की लपटों के कारण किसी की उनके पास जाने की हिम्मत नहीं हुई। आग बुझाने के बाद ही अधजले शव और कंकाल ही निकाले जा सके।

मथुरा में एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा: 12 बसों और तीन कारों में टक्कर
मथुरा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार तड़के घने कोहरे में बलदेव स्थित माइलस्टोन 127 के पास सात डबल डेकर और एक रोडवेज सहित आठ बसों और तीन कारों में टक्कर के बाद आग लग गई। आठों बसें जलकर राख हो गईं। चार अन्य डबल डेकर बसें क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई, इनमें से अधिकांश जिंदा जल गए और 100 से अधिक घायल हैं।

कई यात्री बसों में ही जल गए, उन्हें पहचानना मुश्किल है। इनकी शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। दमकल की 15 गाड़ियों ने दो घंटे में आग पर बमुश्किल काबू पाया। घायलों को मथुरा, वृंदावन और आगरा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख और सीएम ने घायलों को 50-50 हजार देने की घोषणा की है।

सुबह सात बजते ही आया अलर्ट मैसेज, उसके बाद गूंजने लगा एंबुलेंस का सायरन
यमुना एक्सप्रेसवे के माइल स्टोन 127 के समीप हुए सड़क हादसे में 43 घायलों को सुबह नगर के जिला संयुक्त चिकित्सालय में लाया गया। एंबुलेंस से आते -आते एक वृद्ध ने दम तोड़ दिया जबकि हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने 20 लोगों को आगरा एवं दिल्ली के लिए रेफर कर दिया। 11 लोग प्राथमिक उपचार के बाद वहां से छुट्टी लेकर चले गए। अस्पताल में सुबह से शाम तक अफरातफरी बनी रही।

मंगलवार सुबह करीब सात बजे जिला संयुक्त चिकित्सालय की सीएमएस के मोबाइल पर यमुना एक्सप्रेस पर हुए हादसे की जानकारी के साथ अलर्ट का मैसेज आया। इसके कुछ ही समय बाद सुबह करीब साढ़े सात बजे एक के बाद एक लगातार एंबुलेंस अस्पताल में आने लगे। देखते ही देखते इमरजेंसी वार्ड, जनरल वार्ड में डॉक्टरों ने हादसे में घायल हुए 43 लोगों को दाखिल किया।
Mathura accident on expressway An argument that followed a collision between two cars led to horrific accident
अस्पताल में हलचल मच गई। अधिकांश घायलों के पैर और हाथों में फैक्चर होने से दर्द से कराह रहे थे। कई के सिर और नाक से खून निकल रहे थे। इसी बीच गोंडा के मस्कीन बाजार निवासी 62 वर्षीय सुल्तान अहमद को लेकर उनके दामाद इकबाल अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां आते-आते उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक के बड़े बेटे मुमताज को सूचना देकर बुलाया और पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा।
घायलों की बढ़ती संख्या को देख सीएमएस ने घायलों के उपचार की जिम्मेदारी डाॅ. दिलीप कुमार, डाॅ. पवन कुमार, डाॅ. लवेश कुमार, डाॅ. हर्ष एवं सीएचसी से डाॅ. लवेश को सौंपी। आर्थोपेडिक न होने के कारण केडी मेडिकल कॉलेज से हड्डी रोग विशेषज्ञ को बुलाया गया।
अस्पताल में 20 घायल ऐसे आए जिसके सिर, रीढ़ की हड्डी और सीने में गंभीर चोट होने पर उन्हें आगरा के लिए रेफर कर दिया गया। जिला संयुक्त चिकित्सालय की सीएमएस डाॅ. वंदना अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे तक लगातार घायल आते रहे। अस्पताल में 43 घायलों का उपचार किया गया। 20 को आगरा रेफर किया गया है।

एडीजी सहित आला अधिकारियों ने जाना घायलों का हाल और घटना का कारण
यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण सड़क हादसे में घायल लोगों का हाल जानने के लिए आला अधिकारी आए। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ, कमिश्नर शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआईजी शैलेश कुमार पांडेय, डीएम चंद्रप्रकाश सिंह एवं एसएसपी श्लोक कुमार जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे।

अधिकारियों ने घायलों से न सिर्फ उनका हाल जाना बल्कि उनके अस्पताल में उपचार की किस तरह का मिल रहा है। किसी तरह की परेशानी तो नहीं इस बारे में भी पूछा। इसके अलावा अधिकारियों ने घायलों से हादसे का कारण जानने का प्रयास किया। एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने घायलों के पास जाकर उनसे घटना क्रम को जानने के साथ ही दुर्घटना का कारण जानने का प्रयास किया। इसके अलावा बस में यात्रियों की संख्या के बारे में भी जानकारी ली।

घायल लोगों ने उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया। एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने कहा कि अस्पताल में 43 लोग उपचार के लिए लाए गए थे। इनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर होने पर आगरा और दिल्ली के लिए रेफर किया गया। एक व्यक्ति की मौत हो गई है। अस्पताल में घायलों का अच्छा इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है। घायलों से उनका हाल जाना है। कोशिश की जा रही है सभी घायल यहां से ठीक होने के बाद ही जाएं।

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