ख़बर रफ़्तार, National Unity Day 2025: पर जानिए सरदार पटेल की जयंती का महत्व, उनके विचार और भारत को एक करने की प्रेरक कहानी। पढ़ें क्यों कहा जाता है उन्हें भारत का लौह पुरुष।
हर साल 31 अक्टूबर को भारत राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान व्यक्तित्व वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित है जिसने बिखरे रियासतों के भारत को एक सूत्र में पिरोया। वे सिर्फ भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री नहीं थे, बल्कि ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में उस एकता के प्रतीक बने, जिसने आधुनिक भारत की नींव रखी।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
सरदार पटेल की जयंती को 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य नागरिकों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों और संगठनों में “Run for Unity”, निबंध प्रतियोगिताएं और देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस का संदेश है, “एक भारत, श्रेष्ठ भारत।”
सरदार पटेल भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले शिल्पकार
आजादी के बाद भारत 562 रियासतों में बंटा था। ऐसे समय में, सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, राजनीतिक कुशलता और दृढ़ नेतृत्व से इन रियासतों का भारत संघ में विलय कराया। उनके प्रयास से, हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी बड़ी रियासतों का भारत में एकीकरण संभव हुआ। उन्होंने “स्टेट्स रीऑर्गनाइजेशन कमेटी” की नींव रखी, जिससे भारत एक मज़बूत प्रशासनिक ढांचे में संगठित हुआ।
आज की पीढ़ी के लिए संदेश
आज जब सोशल मीडिया, राजनीति और विचारधाराएं लोगों को बांट रही हैं, राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत की असली पहचान उसकी विविधता में निहित है यानी भाषा, संस्कृति, धर्म, परिधान सब अलग, लेकिन आत्मा एक। यह दिन हर भारतीय के भीतर यह भावना जगाता है कि हम सब मिलकर ही भारत हैं और एकता में ही शक्ति है।
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस
- ‘Run for Unity’ का आयोजन किया जाता है। लोगों में एकता का संदेश फैलाने के लिए देशभर में रन आयोजित की जाती है।
- स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। जिसमें निबंध लेखन, भाषण, पोस्टर मेकिंग, क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
- प्रतिज्ञा समारोह होता है, जिसमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली जाती है।
- ‘Statue of Unity’ पर जा सकते हैं। गुजरात में स्थित 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी जाती है।
 
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            
 
                 
                                     
                                     
                                     
                             
                             
                             
                                                 
                                                 
                                                 
                                                
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