खबर रफ़्तार, रांची: पंडाल में न सिर्फ नुकसान, बल्कि तकनीक की उपलब्धियों का भी चित्रण किया गया है। यहां यह दर्शाया गया है कि कंप्यूटर और मोबाइल का आविष्कार क्यों और कैसे हुआ तथा इसे किसने विकसित किया।
राजधानी रांची में इस बार दुर्गा पूजा के अवसर पर कई पूजा पंडाल श्रद्धालुओं के लिए आस्था के साथ-साथ ज्ञान का भी केंद्र बन रहे हैं। राजस्थान मित्र मंडल द्वारा तैयार किया गया पूजा पंडाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस पंडाल में धार्मिक माहौल के साथ-साथ समाज और नई पीढ़ी को जागरूक करने का अनोखा संदेश दिया गया है।
पंडाल देखने आए छात्र आकाश और अंजुमन ने कहा कि उन्हें यहां से काफी ज्ञान मिला और यह अनुभव बिल्कुल अलग रहा। पूजा समिति के सदस्यों ने भी बताया कि उनका उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को नई दिशा और बच्चों को जागरूक करना भी है। इस पंडाल को देखने अब तक करीब 30 लाख लोग पहुंच चुके हैं और अभी दो दिन शेष रहने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है। निस्संदेह, यह पंडाल आस्था के साथ-साथ ज्ञान की रोशनी भी बिखेर रहा है।

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