खबर रफ़्तार, दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार एक नए मॉडल इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति पर काम कर रही है। इस नीति के तहत 2026 के अंत तक दिल्ली की सभी सार्वजनिक परिवहन गाड़ियां इलेक्ट्रिक में बदल दी जाएंगी। सीएम गुप्ता ने यह घोषणा सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों के लिए चालक जिम्मेदार होते हैं और इस दिशा में सरकार जल्द ही जागरूकता और प्रशिक्षण से जुड़ी पहल भी शुरू करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति का उद्देश्य दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ-साथ लोगों को आधुनिक और सुरक्षित परिवहन उपलब्ध कराना है।
“दुर्घटनाएं हर मिनट, हर घंटे होती हैं। इसके लिए वाहन जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि चालक जिम्मेदार हैं। हमें भारतीयों की मानसिकता बदलने की जरूरत है। कई लोग सीट बेल्ट न पहनने में गर्व महसूस करते हैं। यातायात नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए। अगर आपको विदेश में नियम तोड़ने में डर लगता है, तो यहां उन्हें तोड़ने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि नई ईवी नीति का उद्देश्य दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना, सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करना और नागरिकों में सड़क सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाना है।
दिल्ली की चुनौतियां और सरकार की पहल
सीएम ने स्वीकार किया कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण जैसी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। सीएम ने कहा कि नई ईवी नीति का उद्देश्य सिर्फ प्रदूषण कम करना नहीं है, बल्कि नागरिकों के लिए सुरक्षित, आधुनिक और टिकाऊ परिवहन सुनिश्चित करना भी है।
इसके तहत 2026 के अंत तक दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन बेड़े में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन शामिल कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर तीसरा वाहन इलेक्ट्रिक होना चाहिए, और सरकार हितधारकों के साथ मिलकर आदर्श ईवी नीति 2.0 विकसित कर रही है। उनका स्पष्ट उद्देश्य है: दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना और टिकाऊ, सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन सुनिश्चित करना।
मौजूदा ईवी नीति को पहली बार 2020 में पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान पेश किया गया था। तब से इसे कई बार बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि नई नीति के तहत 2026 तक दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन बेड़े में पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहन शामिल कर लिए जाएंगे और दिल्ली में हर तीसरा वाहन इलेक्ट्रिक होना चाहिए।
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