हिन्दी दिवस 2025: 14 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं? जानिए इतिहास

खबर रफ़्तार, राष्ट्रीय : 14 सितंबर को यानी आज देशभर में हिन्दी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को 14 सितंबर को सेलीब्रेट करने के पीछे एक वजह है, जिसके बारे में यहां बताया जा रहा है।

नई दिल्ली: भारत में तमाम भाषाएं बोली जाती हैं और हर भाषा की अपनी एक खूबी है। किसी भाषा का महत्व दूसरी भाषा से कम नहीं है लेकिन हिंदी भाषा शुरू से भारत की पहचान रही है और ये हमारी राष्ट्रभाषा भी है। यही वजह है कि हिंदी के महत्व और उपयोगिता को दर्शाने के उद्देश्य से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।

साल में 2 बार मनाते हैं हिंदी दिवस

कुछ लोग हिंदी दिवस को लेकर कंफ्यूज भी हो जाते हैं और कहते हैं कि हिंदी दिवस तो जनवरी में मनाते हैं, फिर ये सितंबर में कैसे आ गया। ऐसे में उनकी जानकारी के लिए बता दें कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है और 14 सितंबर को केवल हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसे में साल में 2 मौके ऐसे आते हैं, जब हिंदी दिवस मनाया जाता है।

14 सितंबर को क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस?

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि के साथ भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। इसके बाद 1953 से इस दिन को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। ये दिन हिंदी के महत्व, उपयोगिता और हिंदीभाषी होने के गर्व को बढ़ाता है। ये हमारी मातृभाषा के प्रति हमारे आदर को दर्शाने का दिन है।

10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?

हिंदी दिवस को वैश्विक स्तर पर पहचान और सम्मान मिले, इसलिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाते हैं। ये तारीख इसलिए अहमियत रखती है क्योंकि साल 1975 में इसी दिन नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित हुआ था। इसके बाद साल 2006 से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हिंदी विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो रही है क्योंकि पीएम मोदी जब भी विदेश जाते हैं तो हिंदी में भाषण जरूर देते हैं। उन्होंने हिंदी भाषा को काफी बढ़ावा दिया है।

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