नेपाली राजनीति में नई उम्मीद: क्यों बालेन शाह बन गए आंदोलन का चेहरा

खबर रफ़्तार, काठमांडू: साल 2023 में टाइम मैगजीन ने बालेन शाह को टॉप 100 उभरते नेताओं की सूची में शामिल किया था, जबकि न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे वैश्विक मीडिया ने भी उनकी तारीफ की। बालेन शाह की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें नेपाल की राजनीति में नई उम्मीद माना जा रहा है।

नेपाल में बगावत के बाद केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद एक नाम की चर्चा खूब हो रही है और वो नाम है बालेंद्र शाह का, जो बालेन शाह के नाम से चर्चित हैं। ओली सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद नेपाल की युवा पीढ़ी बालेन शाह को नेता बनाने की मांग कर रही है। बालेन शाह न सिर्फ काठमांडू में बल्कि पूरे नेपाल में प्रसिद्ध हैं और युवा पीढ़ी उनकी समर्थक है।

कौन हैं बालेन शाह
बालेन शाह काठमांडू के 15वें मेयर हैं। बालेन पेशे से सिविल इंजीनियर और रैपर भी रहे हैं। बालेन शाह ने साल 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काठमांडू मेयर चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया था। बालेन की छवि एक अच्छे प्रशासक की है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बालेन के मेयर रहते हुए कई ऐसे काम हुए हैं, जिनसे राजधानी में प्रशासन बेहतर हुआ। बेदाग छवि और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के चलते बालेन शाह लोगों के बीच, खासकर युवा पीढ़ी में खासे लोकप्रिय हैं। बालेन शाह अपने समर्थकों से जुड़ने के लिए पारंपरिक मीडिया के बजाय सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं, जिससे युवा पीढ़ी उनसे जुड़ी।

टाइम मैगजीन ने उभरते नेताओं की सूची में शामिल किया
साल 2023 में टाइम मैगजीन ने बालेन शाह को टॉप 100 उभरते नेताओं की सूची में शामिल किया था, जबकि न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे वैश्विक मीडिया ने भी उनकी तारीफ की। बालेन शाह की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें नेपाल की राजनीति में नई उम्मीद माना जा रहा है। हाल ही में उन्होंने जेन जी के नेतृत्व वाले प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि ‘भले ही वे आयु सीमा (28 वर्ष से कम) के कारण प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन उनकी पूरी सहानुभूति और समर्थन प्रदर्शनकारियों के साथ है।’ उन्होंने राजनीतिक दलों और नेताओं से आंदोलन का दुरुपयोग न करने की अपील भी की।

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पूर्व पीएम ओली से रही बालेन शाह की अदावत
बालेन शाह को पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली का विरोधी माना जाता है। दोनों के बीच अदावत की वजह थी कि बीते साल काठमांडू मेट्रोपोलिटन सिटी ने नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई की जद में कई नेता भी आए। ऐसे में काठमांडू मेट्रोपोलिटन सिटी का विरोध शुरू हो गया। बालेन शाह ने इसके लिए पीएम केपी शर्मा ओली पर निशाना साधा। इसके बाद मेट्रोपोलिटन सिटी के हजारों कर्मचारियों को कई महीनों तक सैलरी नहीं मिली थी। बालेन शाह ने इन कर्मचारियों को समर्थन दिया था और सरकार को चेतावनी दे डाली थी। इस मामले को लेकर खूब विवाद हुआ और बालेन शाह लोगों की नजरों में चढ़ गए।

नेपाली जनता भ्रष्टाचार के चलते राजनीतिक दलों से नाराज चल रही है, लेकिन बालेन शाह किसी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं और ये बात भी उनके पक्ष में जाती है। सोशल मीडिया पर बालेन शाह से देश का नेतृत्व करने की अपील की जा रही है। खासकर फेसबुक पर बालेंद्र शाह के समर्थन में पोस्ट की भरमार हैं। जिनमें नेपाली युवा बालेंद्र शाह से नई राजनीतिक पार्टी बनाकर देश को नई दिशा देने की गुहार लगा रहे हैं।

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