छात्रों को अर्धनग्न स्थिति में मंच पर आने को किया मजबूर, मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर जारी किया नोटिस

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खबर रफ़्तार, पणजी : एक समाचारपत्र में इसे लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिस पर मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया है। आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि यह घटना प्रथम दृष्टया छात्रों के मानवाधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होती है।

गोवा राज्य मानवाधिकार आयोग ने गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति को एक कथित घटना को लेकर नोटिस जारी किया है जिसमें इस साल की शुरुआत में संस्थान में एक सांस्कृतिक उत्सव के दौरान छात्रों को अंडरवियर में मंच पर आने को मजबूर किया गया था। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

फरवरी की है घटना
मानवाधिकार आयोग ने कुलपति हरिलाल बी मेनन को गुरुवार को नोटिस जारी कर उन्हें 23 जुलाई तक आयोग के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। यह घटना फरवरी में आयोजित ‘फ्रोलिक’ नामक एक कॉलेज इवेंट के दौरान की है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि ‘थर्ड डिग्री’ नामक प्रतियोगिता के दौरान ज्यूरी ने प्रतिभागियों से अपने कपड़े उतारने और अंडरवियर में आने को कहा।
मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर जारी किया नोटिस
हाल ही में एक समाचारपत्र में इसे लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिस पर मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया है। आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि यह घटना प्रथम दृष्टया छात्रों के मानवाधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होती है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के नेता नौशाद चौधरी ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि महोत्सव में छात्राएं भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा, ‘छात्रों को जाने नहीं दिया गया। इससे वहां मौजूद छात्रों और छात्राओं दोनों के ही लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई थी।’
एनएसयूआई ने किया विरोध का एलान
एनएसयूआई इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने की भी योजना बना रहा है। इस मामले में राजनीतिक रंग भी ले लिया है और विपक्षी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने भी घटना की आलोचना की। गोवा फारवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने बताया कि उनकी पार्टी ने इस घटना के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली है। विवाद के बीच गोवा विश्वविद्यालय में शुक्रवार को छुट्टी रही।

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