
खबर रफ़्तार, देहरादून: अभयारण्य व नेशनल पार्क कुप्रबंधन का शिकार हैं। मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवोल्यूशन ऑफ 438 नेशनल पार्क एंड वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी इन इंडिया की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
राज्य के कुल भूभाग का 45.44 प्रतिशत हिस्सा वनाच्छादित होने के बावजूद उत्तराखंड में अभयारण्यों और नेशनल पार्कों की हालत बेहद खराब है। अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य तो खराब श्रेणी में पहुंच गया है। नंदा देवी पार्क की स्थिति में भी एक श्रेणी और गिरी है। बाकी नेशनल पार्कों और अभयारण्यों की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है।
ये खुलासा मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवोल्यूशन ऑफ 438 नेशनल पार्क एंड वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी इन इंडिया 2020-2025 रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक तिब्बत और नेपाल सीमा से सटे अस्कोट वन्यजीव अभयारण्य में मैनेजमेंट प्लान नहीं है। कर्मियों की भारी कमी है। 300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस अभयारण्य में समृद्ध जैव विविधता है।
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