
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: अमेरिका की ओर से दुनियाभर के देशों के खिलाफ लगाए गए जवाबी टैरिफ की समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। दूसरी ओर, बाजील में 17वां ब्रिक्स समिट जारी है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ पर अपने पत्ते खोले हैं। आइए दोनों पक्षों के रुख पर एक नजर डालें।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले देशों को को कड़े लहजे में चेतावनी दी है। सोशल मीडिया पर पोस्ट में ट्रंप ने एलान किया कि “ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों” के साथ जुड़ने वाले किसी भी देश को वस्तुओं पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
9 जुलाई को समाप्त हो रही है अमेरिकी टैरिफ पर रोक की समयसीमा
अमेरिका की ओर से दुनियाभर के देशों के खिलाफ लगाए गए जवाबी टैरिफ की समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। दूसरी ओर, बाजील में 17वां ब्रिक्स समिट जारी है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ पर अपने पत्ते खोले हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के टैरिफ पत्र और सौदों का एलान सोमवार, 7 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे (पूर्वी) से किया जाएगा। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, ट्रम्प ने कहा कि ये पत्र दुनिया भर के विभिन्न देशों को भेजे जाएंगे। इससे पहले, 9 अप्रैल को ट्रम्प ने टैरिफ के कार्यान्वयन को 3 महीने के लिए रोक दिया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
ब्रिक्स के ताजा रुख पर ट्रंप का क्या जवाब?
ट्रंप ने अपने बयान में ब्रिक्स देशों को निशाने पर लेते हुए लिखा, “इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा।” उन्होंने आगे कहा, “इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद!” ट्रंप का यह बयान ब्रिक्स देशों के बढ़ते विरोध के खिलाफ अमेरिकी प्रशासन के सख्त रुख का संकेत देता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह रुख ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की बैठक के संयुक्त बयान के बाद आई है, जिसमें टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को बढ़ाने सहित व्यापार और वित्त से संबंधित कार्रवाइयों के एकतरफा थोपे जाने के खिलाफ आवाज उठाई गई है।
ब्रिक्स में कितने देश शामिल हैं, उनपर कितना टैरिफ?
ब्रिक्स समूह की जब स्थापना हुई थी उसमें केवल पांच ही देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका ही शामिल थे। लेकिन धीरे-धीरे यह कुनबा बढ़कर 10 देशों का हो गया। इसमें शामिल नए देश हैं मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात। ये देश 1 जनवरी 2024 से प्रभावी रूप से ब्रिक्स में शामिल हुए। ब्रिक्स में शामिल सबसे नया सदस्य देश इंडोनेशिया है। यह आधिकारिक तौर पर 6 जनवरी 2025 को समूह में शामिल हुआ।
ब्रिक्स देशों पर जुलाई में कितना टैरिफ घोषित किया गया?
ब्राजील 10%
रूस NA*
भारत 26%
चीन 34%
दक्षिण अफ्रीका 30%
मिस्र 10%
इथियोपिया 10%
इंडोनेशिया 32%
ईरान 10%
संयुक्त अरब अमीरात 10%
*अमेरिका की ओर से टैरिफ के लिए जुलाई में जारी सूची में रूस का नाम नहीं था।
अमेरिकी टैरिफ पर ब्रिक्स देशों का क्या रुख है?
बयान में कहा गया है, “हमने टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को बढ़ाने सहित व्यापार और वित्त से संबंधित कार्रवाइयों के एकतरफा थोपे जाने पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है, जो व्यापार को विकृत करते हैं और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के साथ असंगत हैं।” 17वें समिट के दौरान ब्रिक्स देशों ने अपने बयान में कहा है, “इस चुनौतीपूर्ण माहौल में, ब्रिक्स सदस्यों ने लचीलापन दिखाया है। वे डब्ल्यूटीओ के साथ गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, निष्पक्ष, समावेशी, न्यायसंगत, पारदर्शी और नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा और मजबूती के लिए आपस में और अन्य देशों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।” ब्रिक्स देशों के अनुसार ऐसे व्यापार युद्धों से बचने की जरूरत है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी में डाल सकते हैं या धीमी वृद्धि को और बढ़ा सकते हैं”।
वैश्विक अर्थव्यव्सथा में ब्रिक्स देशों का क्या रसूख?
ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश हैं। इसके अलावे कई अन्य विकासशील देश पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स में शामिल हुए हैं। ब्रिक्स समूह में दुनिया की लगभग आधी आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 प्रतिशत शामिल है। ब्रिक्स समूह के देशों के पास वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।
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