
खबर रफ़्तार, देहरादून : केदारनाथ आपदा के बाद केदारघाटी और अन्य स्थानों से मारे गए 735 लोगों के डीएनए नमूने लिए गए थे। केवल 33 सैंपलों का ही परिवारों से मिलान हो पाया। 6000 से ज्यादा लापता लोगों के परिवारों ने डीएनए नमूने दिए थे।
केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों की पहचान 12 साल बाद भी रहस्य बनी हुई है। लेकिन, बड़ा रहस्य उन 702 लोगों की पहचान का है जिनके डीएनए नमूनों की रिपोर्ट पुलिस के पास है। जबकि, आपदा में लापता हुए अपनों की पहचान के लिए 6000 से अधिक लोगों ने अपने डीएनए नमूने लैब को दिए थे। इनमें से भी इन 702 लोगों की पहचान नहीं हो पाई। ऐसे में अब इन डीएनए नमूनों का अपनों के लिए इंतजार अंतहीन हो चला है।
भारत में सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक केदारनाथ आपदा में देश के हजारों परिवारों ने अपनों को खोया था। उस वक्त राहत बचाव के कार्य में पुलिस ने कई हजार लोगों को बचाया भी था। केदार घाटी और आसपास के इलाकों में वर्षों तक शव और शवों के हिस्से पुलिस को मिलते रहे। सैकड़ों शवों और कंकालों का पुलिस ने ही अंतिम संस्कार कराया। कई वर्षों तक सर्च ऑपरेशन चलता रहा।
उस वक्त कई वर्षों तक लगभग 735 लोगों के डीएनए सैंपल लिए गए थे। इनमें से 33 लोगों के सैंपल उनके परिवारों से मिलान हो सका है। सभी डीएनए सैंपलों को जांच के लिए बैंगलुरू लैब भेजा गया था।
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