
खबर रफ़्तार, अहमदाबाद: अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में कुल 270 लोगों की जान चली गई। वहीं इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में जुटे जवानों की बहादुरी की कहानी भी सामने आई है। एसडीआरएफ-एएसपी और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के नोडल अधिकारी शीतल गुजर ने जोर देते हुए बताया कि किस तरह उनकी टीम ने जान जोखिम में डालकर हादसे में फंसे लोगों को बचाया।
ऑक्सीजन मास्क और गीले कपड़ों से बचाई कई जानें?
शीतल गुजर ने बताया कि विमान क्रैश के बाद जब वह और उनकी टीम मौके पर पहुंचे, तब हॉस्टल की इमारत में आग लगी हुई थी और अंदर का तापमान बहुत ज्यादा था। इसके बावजूद एसडीआरएफ की टीम ऑक्सीजन मास्क पहनकर अंदर गई। कई लोग बुरी तरह झुलसे हुए थे। जवानों ने अपने हाथों पर गीले कपड़े बांधकर उन्हें उठाया ताकि खुद जलने से बच सकें और घायलों को बाहर निकाल सकें।
शीतल गूजर ने आगे बताया कि हमें ऑपरेशन के लिए सभी जरूरी उपकरण मिले। हादसे के तुरंत बाद 20-30 अतिरिक्त एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं। हमने सभी घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। हॉस्टल में फंसे छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
शीतल गुजर ने आगे इस हादसे के बाद बचाव कार्य में एसडीआरएफ की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने 70-80 प्रतिशत रेस्क्यू ऑपरेशन अकेले संभाला। हमारी प्राथमिकता नागरिकों की जान बचाना और आगे किसी तरह के नुकसान को रोकना था। उन्होंने कहा कि फायर ब्रिगेड ने हमें अंदर जाने की व्यवस्था दी। सभी वरिष्ठ अधिकारी लगातार संपर्क में थे। सभी शवों को बरामद कर लिया गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद से उड़ान भरी थी। थोड़ी देर बाद ही विमान बीजे मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर्स हॉस्टल से टकरा गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि एकमात्र जीवित यात्री विश्वाश कुमार रमेश अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। वहीं इस हादसे में कुल 270 लोगों की जान चली गई।
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