ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: सरोवर नगरी में चौतरफा गहरा रहे भूस्खलन के कारणों की जांच और समाधान को विज्ञानी बहु प्रतिक्षित सर्वे जल्द आरंभ करेंगे। शासन स्तर से उत्तराखंड भूस्खलन शमन और प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) के विशेषज्ञों की टीम शहर व आसपास के क्षेत्रों में विधिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर अध्ययन किया जाएगा। सर्वे के बाद शहर के भूस्खलन समेत अन्य क्षेत्रों का पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा सकेगा। जिसके बाद विधिवत तरीके से भूस्खलन रोकथाम के प्रयासों को धरातल पर उतारा जा सकेगा। साथ ही, भविष्य में विभिन्न विभागों की और से प्रस्तावित निर्माण कार्यों को लेकर भी बेहतर योजना बनाई जा सकेगी।
शहर पर भूस्खलन का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। शहर की तलहटी पर स्थित बलियानाला हो या शहर की सबसे ऊंची चाइना पीक। टिफिन टॉप, राजभवन मार्ग, ठंडी सड़क, कैलाखान क्षेत्र समेत आबादी से भरे चार्टन लॉज क्षेत्र में चौतरफा हो रहे भूस्खलन से शहर के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है। जिला प्रशासन और जिला आपदा विभाग के स्तर से विभिन्न भूस्खलन क्षेत्रों की रोकथाम को प्रयास किए जा रहे हैं। मगर भार वहन क्षमता पूरी कर चुके शहर के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए यह नाकाफी साबित हो रहा है। बढ़ती समस्या की देखते हुए अब उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र की और से भूस्खलन स्थलों समेत शहर के हर क्षेत्र का सर्वे होगा। केंद्रीय निदेशक डा. शांतनु सरकार ने बताया कि वैज्ञानिक विधियों से अगले छह माह तक सर्वे किया जाना है। अध्ययनों के आधार पर शहर की कंटूर मैपिंग के साथ ही अन्य डाटा संकलित किया जाएगा।
भौगोलिक और भूगर्भीय स्थितियों का लगेगा सटीक पता
डा. शांतनु ने बताया कि सर्वे में शहर की भौगोलिक और भूगर्भीय स्थितियों का सटीक पता लगाया जा सकेगा। संकलित डाटा के आधार पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे भूस्खलन की रोकथाम के लिए किसी तरह का उपचार दिया जा सकता है यह योजना बनाई जा सकेगी। साथ ही सर्वे रिपोर्ट को अन्य विभागों से भी साझा किया जाएगा।
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