ख़बर रफ़्तार, मथुर: वृंदावन-मथुरा को तीन लोक से न्यारी नगरी यूं ही नहीं कहा जाता, क्योंकि यहां रात में हरे वृक्षों का अवैध कटान करने वाले भूमाफियाओं और बिल्डरों पर जहां कार्रवाई करने में प्रशासनिक अफसरों का दिल बार बार रोता है, तो वहीं यदि कोई पशु पेड़ के पत्ते चबा जाए तो पशुस्वामी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही दुधारू पशुओं को कस्टडी में लेकर तुरंत कार्रवाई कर उसे कानून का पाठ पढ़ा दिया जाता है।
भैंसों के मालिक के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में दर्ज कराया गया मुकदमा
मिली जानकारी के मुताबिक, ताजा मामला वृंदावन के संरक्षित कुंभ मेला क्षेत्र का सामने आया है। जहां हरे पेड़ों के पत्ते खाने पर भैंसों को नगर निगम प्रशासन द्वारा अपनी कस्टडी में ले लिया गया है। इतना ही नहीं भैंसों के मालिक के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अब किसान अपनी भैंसों को छुड़ाने के लिए आला अफसरों के चक्कर काटने पर मजबूर है।
नगर निगम की टीम ने भैंसों को हिरासत में लिया
बताया जा रहा है कि धार्मिक नगरी में यमुना किनारे संरक्षित कुंभ मेला क्षेत्र में प्रशासन द्वारा पौधारोपण कराया गया था। बताते हैं कि बीते गुरुवार को लगभग आधा दर्जन भैंस और पडिया चरते हुए सरंक्षित क्षेत्र में जा घुसे और कुछ पेड़ों से पत्ते चरने शुरू कर दिए। पेड़ों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी जैसे ही नगर निगम प्रशासन को हुई तो तत्काल निगम की टीम मौके पर जा पहुंची और भैसों को अपनी हिरासत में ले लिया।
भैंसों को छुड़ाने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा किसान
नगर निगम के राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार और स्वास्थ्य निरीक्षक सुभाष यादव द्वारा भैंसों के मालिक लाखन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिनमें भारतीय वन अधिनियम के तहत भी किसान पर धारा आरोपित की गई है। निगम प्रशासन ने कस्टडी में ली गई भैंसों को कान्हा गौ आश्रय सदन में रखा गया है। जबकि किसान अपनी भैंसों को छुड़ाने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
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