इस वजह से आहत हैं कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, पढ़ें पूरी खबर

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ख़बर रफ़्तार, श्रीनगर: प्रदेश के तेज तर्रार कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा बेहद आहत है, जिसके पीछे की वजह उनके पैतृक गांव में बना उनके दादा का संग्रहालय है. दरअसल, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा का संग्रहालय उनके पैतृक गांव बुघाड़ी में बना हुआ है. लेकिन ये संग्रहालय हमेशा बंद रहता है. इसके साथ साथ संग्रहालय में कोई केयर टेकर ना होने के चलते संग्रहालय में रखी स्वर्गीय बहुगुणा की यादों से जुड़ी वस्तुएं खराब होने की कगार पर पहुंच गयी हैं. वहीं दीमकों ने अपना आशियाना बनाया हुआ है.

जब संग्रहालय के संबंध में मंत्री सौरभ बहुगुणा से पूछा गया तो उन्होंने भी अपना दर्द बयां किया. दरअसल जब प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत थे, तब उन्होंने बुघाड़ी गांव में स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के संग्रहालय बनाने की घोषणा की थी, घोषणा के अनुरूप स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के पैतृक आवास पर एक भव्य संग्रहालय भी बनाया गया. जिसमें उनके जीवन काल से जुड़ी हर छोटी बड़ी चीजें सहेज कर रखी गई हैं. उदघाटन के समय तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मंत्री सतपाल महाराज, हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा जोशी व पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी उदघाटन समारोह में उपस्थित रहे.

लेकिन उदघाटन के कुछ समय बाद ही संग्रहालय को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया. जिसके कारण अब बंद संग्रहालय में रखी वस्तुएं खराब होने के कगार पर पहुंच गई हैं. कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा का संग्रहालय हमेशा बंद रहता है, इस संबंध में उन्हें भी जानकारी है. उन्होंने कहा कि चार माह पूर्व वो भी संग्रहालय में गए थे, तब उन्हें भी राजकीय संग्रहालय जर्जर हालत में दिखा था, जिससे काफी दुख पहुंचा. उन्होंने कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा एक छोटे से गांव से निकल कर द्देश की राजनीति में चमके, जबकि उनकी बचपन की सारी पढ़ाई लिखाई इसी गांव से हुई, इसलिए इस संग्रहालय को बुघाड़ी गांव में ही बनाया गया था.

उन्होंने डीएम पौड़ी को संग्रहालय के सुधार के लिए आदेश दिए हैं. साथ में संग्रहालय को वर्किंग आवर में खोलने के संबंध में भी कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि संग्रहालय में एक व्यक्ति को रखा जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी भी स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के बारे में जान सके और उनसे प्रेरणा ले सके.

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