यूपी में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का शुरू होगा अभियान, उपचुनाव से पहले CM योगी का न‍िर्णय

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ख़बर रफ़्तार, लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा उपचुनाव से पहले गुरुवार को युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की बड़ी योजना शुरू करने का निर्णय लिया। प्रदेश सरकार 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को ”मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान” प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस योजना के तहत 10 वर्षों में 10 लाख नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।

यूं तो मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने ”मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान” प्रारंभ करने का संकल्प पहले ही लेते हुए इस वर्ष के मूल बजट में इसका प्रविधान किया था। मुख्यमंत्री ने गुरुवार कहा कि अब समय आ गया है कि इस पर क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया जाए। अभियान के संबंध में एमएसएमई विभाग के प्रस्तुतीकरण को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना स्वरोजगार सृजन के प्रयासों में बड़ी भूमिका निभाने वाली होगी। योजना के बारे में अधिक से अधिक युवाओं को बताया जाए ताकि युवा प्रोत्साहित हों और आत्मनिर्भर होकर अपनी आजीविका कमा सकें।

10 वर्षों में 10 लाख युवा स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे

एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार द्वितीय ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभियान के तहत प्रतिवर्ष एक लाख युवाओं को बैंकों से कर्ज दिलाकर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इससे प्रतिवर्ष एक लाख सूक्ष्म उद्यम प्रतिवर्ष स्थापित हो सकेंगे। इस प्रकार आगामी 10 वर्षों में 10 लाख युवा स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के तहत सामान्य वर्ग के अलावा, ओबीसी, महिला, दिव्यांगजन तथा एससी, एसटी के पुरुष के अलावा महिलाओं को उद्यम स्थापित करने पर अनुदान देने का प्रविधान किया जाए। साथ ही मार्जिन मनी पर भी सब्सिडी दी जाए।

यथासंभव ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराने का न‍िर्देश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों को यथासंभव ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए एक तय अवधि तक कर्ज का ब्याज माफ करना और सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए कर्ज गारंटी निधि ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) कवरेज की सुविधा भी दी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि योजना के सही क्रियान्वयन और सतत निगरानी के लिए आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की तर्ज पर यहां भी हर जिले में युवाओं की तैनाती की जाए। उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तपोषण से पहले युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण भी दिलाया जाए। नए उद्यमियों को उनके उत्पाद की पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मार्केटिंग में भी मदद की जाए।

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