ख़बर रफ़्तार, विकासनगर: जौनसार बावर क्षेत्र में किसान अदरक की पैदावार कई दशकों से करते आ रहे. इस बार अदरक की फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है, लेकिन किसानों को बिजाई के समय बीज महंगा और मंडियों में उचित रेट नहीं मिलने से अदरक की फसल का रकबा घटता जा रहा है. जिससे किसानों का रुझान नकदी फसलों की तरफ बढ़ रहा है.
जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र कृषि प्रदान बहुल्य क्षेत्र है, यहां का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है. किसान पारंपरिक और आधुनिक तरीकों से खेती करते हैं. किसान अपने खेतों में अच्छी फसलों की पैदावार के लिए पशुओं की गोबर से बनी खाद का इस्तेमाल करते हैं. क्षेत्र अदरक उत्पादन में अग्रणी रहा है, लेकिन बदलते समय और आधुनिकता की इस दौड़ में अब किसानों का रुझान नकदी फसलों की तरफ बढ़ रहा है.
नकदी फसलों में टमाटर, बीन, हरा धनिया, खीरा जैसी फसलों से किसानों की आय में अच्छा-खासा मुनाफा भी देखने को मिल रहा है. बिजाई के लिए अदरक की खरीदारी उत्तराखंड सहित हिमाचल प्रदेश से करनी पड़ती है, जो कि काफी महंगा पड़ जाता है. अदरक की फसलों में कई प्रकार की बीमारी लगने का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में अदरक की खेती से धीरे धीरे किसान मुंह मोड रहे हैं और नकदी फसलों के उत्पादन में हाथ आजमा रहे हैं.
 
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            
 
                 
                                     
                                     
                                     
                             
                                                         
                                
                         
                                                 
                                                 
                                                 
                                                
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