ख़बर रफ़्तार, देहरादूनः देहरादून के एक गांव के लोग अपने ही ग्राम प्रधान के कामों से परेशान हो गए. गुस्साए ग्रामीणों ने देहरादून कलेक्टर को एक शिकायती पत्र लिख दिया. जिसमें शिकायतों की लंबी फहरिस्त थी. इसके बाद अधिकारी तुरंत हरकत में आ गये. फिर मामले की जांच की गई तो कई विकास कार्यों में गड़बड़ी पाई गई. अब गांव में अफसरों का मजमा लग गया है. यहां एक जांच टीम भेजी गई है.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की चकराता विधानसभा की एक ग्राम पंचायत में बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां लाखामंडल इलाके के मौठी गांव में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर विकास कार्यों में बड़ी धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने जिलाधिकारी देहरादून और मुख्य विकास अधिकारी को एक शिकायती पत्र लिखा है. जिसमें ग्राम पंचायत में हुए दर्जनों विकास कार्यों की एक लम्बी फेरिस्त देते हुए आरोप लगाया है.
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ग्रामीणों के शिकायती पत्र के मुताबिक गांव में धरातल कई विकास कार्यों के नाम पर बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क बनाने के काम में गड़बड़ी हुई है. मंदिर सौंदर्यीकरण भी नहीं किया गया. इसके अलावा भी अन्य विकास कार्यों में बड़ी धांधली की गई है. ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर खंड विकास अधिकारी के नेतृत्व में गांव में जांच टीम पहुंची.
जांच टीम ने विकास कार्यों का मुआयना किया. शुरुआती जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर खंड विकास अधिकारी ने इस मामले में जल संस्थान के अधिकारियों की एक टीम को नियुक्त कर पूरे मामलों की 15 दिन के भीतर बारीकी से तकनीकी व निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में यदि जांच के दौरान विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए जाते हैं तो ग्राम प्रधान पर गाज गिरनी तय है.
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