पहली वंदे भारत मेट्रो का बोगी फ्रेम भी कानपुर में बना, जुलाई से दिल्ली-मेरठ के बीच दौड़ेगी

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ख़बर रफ़्तार, कानपुर: देश में पहली वंदे भारत ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चली थी तो उसका बोगी फ्रेम कानपुर में बना था। अब वंदे भारत मेट्रो एक जुलाई से दिल्ली और मेरठ के बीच चलने जा रही है, शहर का सौभाग्य है कि इस ट्रेन के असेंबल्ड बोगी फ्रेम भी कानपुर की उसी वेद सेसोमैकेनिका कंपनी में तैयार हुए हैं।

यहां से भेजे गए असेंबल्ड बोगी फ्रेम पर कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में ट्रेन बनकर तैयार हो गई है और उसे चलाकर परीक्षण किया जा रहा है। एक जुलाई को पहली ट्रेन के चलने के बाद जल्द ही देश में 50 और वंदे भारत मेट्रो को चलाया जाएगा। ये ट्रेनें छोटी दूरी की यात्रा कराएंगी और दैनिक यात्रियों के लिए होंगी। ये ट्रेनें 124 शहरों को एक-दूसरे से जोड़ेंगी।
ट्रेन 18 के रूप में 2018 में हाईस्पीड स्वदेशी ट्रेन के बारे में सोचा गया तो उसमें कानपुर के बोगी फ्रेम लगाए गए। इस ट्रेन को वंदेभारत का नाम दिया गया और इसे दिल्ली से कानपुर होते हुए वाराणसी के बीच चलाया गया। इसके बाद एक-एक कर और भी वंदे भारत ट्रेन चलीं।

कानपुर की वेद सेसोमैकेनिका की भागीदारी

यह देश में बिल्कुल अलग लुक वाली पहली ट्रेन थी। अब एक के बाद एक ट्रेनें बढ़ रही हैं लेकिन कानपुर के लिए बड़ी बात यह है कि इन ट्रेनों में तो कानपुर की वेद सेसोमैकेनिका की भागीदारी है ही, इसके साथ ही एक जुलाई से जो वंदे भारत मेट्रो ट्रेन शुरू होने जा रही है, उसके बोगी फ्रेम भी यहीं से भेजे गए हैं। मार्च के अंत में इसके 16 असेंबल्ड बोगी फ्रेम भेजे गए और उसके बाद बाकी 16 भेज दिए गए।

इन पर मेट्रो ट्रेन बनकर तैयार है। वेद सेसोमैकेनिका के प्रबंध निदेशक आरएन त्रिपाठी के मुताबिक जल्द ही 50 और ट्रेन शुरू होनी हैो। कानपुर के बोगी फ्रेम एक तरह से माडल के रूप में हो गए हैं। अब जो वंदेभारत मेट्रो ट्रेनें चलेंगी, उनके बोगी फ्रेम भी इसी माडल के अनुसार बनेंगे। इन 50 में भी कानपुर की भागीदारी की उम्मीद है।

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