ख़बर रफ़्तार, कोटद्वार: भौगोलिक दृष्टि से प्रदेश की सबसे विषम और सबसे बड़ी समझी जाने वाली गढ़वाल संसदीय सीट का चुनावी दंगल अब रोचक दौर में पहुंच गया है। यूं तो इस संसदीय सीट पर 13 प्रत्याशी खम ठोक रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटता नजर आ रहा है। भाजपा से पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और कांग्रेस से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आमने-सामने हैं।
साथ में अग्निपथ योजना, वनंतरा प्रकरण, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दों पर हमलावर है। मतदाता किस दल और प्रत्याशी और उनके मुद्दों को समर्थन देते हैं, यह मतदान के दिन 19 अप्रैल को तय हो जाएगा। प्रत्याशियों और दलों की बेचैनी मतदाताओं की चुप्पी से बढ़ी हुई है।
पिछले चुनाव में भाजपा को 68 प्रतिशत और कांग्रेस को 27 प्रतिशत मत मिले
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो गढ़वाल संसदीय सीट में 13,55,796 मतदाताओं में से 742784 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इसमें से 5,06,980 (68.25 प्रतिशत) मत भाजपा प्रत्याशी व 2,04,311 (27.50 प्रतिशत) मत कांग्रेस प्रत्याशी को मिले थे।
इस चुनाव में भी सामाजिक समीकरण महत्वपूर्ण रहेंगे। 86 प्रतिशत हिंदू, आठ प्रतिशत मुस्लिम, चार प्रतिशत सिख व दो प्रतिशत ईसाई मतदाता अपना प्रतिनिधि किसे चुनते हैं, यह चुनाव परिणाम में ही पता चल सकेगा। इस सीट पर 46 प्रतिशत ठाकुर, 26 प्रतिशत ब्राह्मण, आठ प्रतिशत एससी-एसटी व ओबीसी और छह प्रतिशत वैश्य व अन्य हैं। इस क्षेत्र में में सैन्य परिवारों से जुड़ा बड़ा तबका है।
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