कुतुबखाना फ्लाईओवर का नाम अब महादेव सेतु, स्मार्ट सिटी एडवाइजरी बोर्ड की लगी मुहर

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ख़बर रफ़्तार, बरेली:  बरेली स्मार्ट सिटी की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में जनप्रतिनिधि और सदस्यों ने कुतुबखाना फ्लाईओवर का नामकरण महादेव सेतु करने की मंजूरी दे दी है। बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से एडवाइजरी कमेटी के समक्ष अब तक की कार्य प्रगति का प्रस्तुतीकरण किया गया। जनप्रतिनिधियों ने वर्तमान प्रोजेक्टों के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों को धरातल पर उतरे प्रोजेक्टों का मौका मुआयना करने के निर्देश दिए। प्रोजेक्टों से मिलने वाली सहूलियतों को आमजन तक पहुंचाने पर जोर दिया।

महापौर उमेश गौतम की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एडवाइजरी कमेटी की बैठक में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई। मल्टीलेवल कार पार्किंग, स्काई वॉक, बरेली हाट, तांगा स्टैंड की प्रगति को जाना।  महापौर ने कहा कि जो प्रोजेक्ट चालू हो गए हैं उनके बारे में लोगों को जानकारी दी जाए। सोलर पैनल से कितनी बिजली की बचत हुई, ट्यूबवेल ऑटोमिशन के बारे में लोगों को सूचना दें।

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से दूसरे जगहों पर लगे कैमरों को जोड़ें, ताकि सेफ सिटी को तेजी से विकसित किया जाए। बदायूं रोड स्थित आरसीसी नाला का निर्माण पूरा करें। महापौर ने कहा कि फैंसी लाइटों की लगातार शिकायत आ रही हैं। इससे स्मार्ट सिटी की छवि खराब हो रही है।

सीईओ स्मार्ट सिटी निधि गुप्ता वत्स ने कहा कि मेजर रोड प्रोजेक्ट की जांच हो रही है। फैंसी लाइट मामले में भी रिपोर्ट मांगी है। महापौर ने महादेव सेतु का प्रस्ताव रखा, जिसको कमेटी के सदस्यों ने आपत्ति किए बिना सहमति दे दी। बैठक में एसीईओ सुनील कुमार यादव, सुशील कुमार सक्सेना, ह्दय प्रकाश नारायण समेत तमाम अधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।

सड़क की परखी जाएगी मजबूती

सड़क की मजबूती परखने के लिए लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने कुतुबखाना पुल की सड़क से डामर और बजरी के मिश्रण के नमूने लिए। नमूनों की जांच अब लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में होगी। रिपोर्ट आने पर अगली कार्रवाई होगी।

शुक्रवार को पुल पर बनी सड़क की मजबूती को परखने के लिए कोर कटिंग कराई गई। मुख्य अभियंता संजय तिवारी ने सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने पाया कि सस्पेंशन ज्वाइंट में सड़क नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन इसमें भी बजरी और डामर मिला। इसे हटाने के निर्देश दिए गए।

मुख्य अभियंता संजय तिवारी ने बताया कि मैंने पुल की सड़क में डामर और बजरी के नमूने लिए हैं। परीक्षण लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में होगा। रिपोर्ट आने पर पता लगेगा कि मिश्रण मानक के अनुरूप है या नहीं। परीक्षण रिपोर्ट आने पर अगली कार्रवाई होगी।

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