ख़बर रफ़्तार, जयपुर: छह दिसंबर, 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और मुंबई की ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर अजमेर स्थित टाडा मामलों के विशेष न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गई है। अब 29 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले में आरोपित आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान एवं हमीमुद्दीन जेल में बंद हैं। पहले टुंडा उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद जेल में बंद था, जहां से उसे 24 सितंबर, 2023 को अजमेर लाया गया था । बम धमकों के बाद टुंडा फरार हो गया था, जिसे 2013 में नेपाल सीमा से पकड़ा गया था।
जानकारी के अनुसार वह 1980 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था। उसी दौरान वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। टाडा कानून के तहत पकड़े जाने वाले आरोपितों की सुनवाई के लिए देश में केवल तीन विशेष न्यायालय हैं। ये न्यायालय अजमेर, मुंबई और श्रीनगर में हैं। उत्तर भारत से जुड़े अधिकांश मामलों की सुनवाई अजमेर स्थित टाडा न्यायालय में होती है।
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