ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी : आशा कार्यकर्ता परेशान हैं। वेतन कम मिलने से लेकर कई तरह की समस्याओं को लेकर सीएमओ के जरिये सीएम को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें ट्रेनिंग के लिए बार-बार बुलाया जाता है लेकिन प्रशिक्षण के लिए इतना भी पैसा नहीं मिलता है कि कई बार किराया तक नहीं पूरा हो पाता है।
ज्ञापन में कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को नियमित वेतन तो नहीं मिलता है। सरकार ट्रेनिंग का पैसा कम करते जा रही है। पल्स पोलियो अभियान में भी प्रतिदिन 100 रुपये ही मिलता है। उन्हें पूरे सप्ताह अभियान चलाना पड़ता है। कार्यकर्ताओं के साथ इस तरह का व्यवहार न्यायोचित नहीं है।
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) के आंदोलन के बाद मासिक मानदेय नियत करने का वादा किया गया था। इसे तीन वर्ष होने के हैं। अभी तक यह वादा पूरा नहीं हो सका है। आशा कार्यकर्ताओं ने सीएम से अनुरोध किया है कि उनकी मांगें पूरी की जाए।
ये हैं प्रमुख मांगें –
- मासिक मानदेय नियत किया जाए।
- न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा दिया जाए
- सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन दी जाए
- उनका पैसा समय पर उपलब्ध करा दिया जाए।
- ट्रेनिंग व पल्स पोलियो अभियान का बजट बढ़ाया जाए।
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