हिमस्खलन ने तोड़ दी पर्वतारोही बहनों की जोड़ी, नवमी रावत की एवलांच में हुई मौत

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खबर रफ़्तार, उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 43 किमी दूर भुक्की गांव की एडवांस पर्वतारोहण कोर्स प्रशिक्षक नवमी रावत की मौत ने दो बहनों की जोड़ी को अलग कर दिया।

दोनों बहनें प्रशिक्षुओं के साथ गई थी द्रौपदी का डांडा

दरअसल, जब नवमी की मौत की खबर द्रौपदी का डांडा बेस कैंप क्षेत्र में पहुंची, उस वक्त नवमी की बड़ी बहन कविता वहां बेसिक पर्वतारोहण कोर्स के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दे रही थी। बीती 23 सितंबर को दोनों बहनें प्रशिक्षुओं के साथ द्रौपदी

हिमस्खलन से नवमी की मौत की मिली खबर

उत्‍तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के भुक्की गांव की नवमी को बचपन से खेलकूद और साहसिक पर्यटन में खास दिलचस्पी थी। मंगलवार को हिमस्खलन से नवमी की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी बड़ी बहन कविता अपने आंसुओं का सैलाब नहीं रोक पाई।

बड़े भाई से प्रेरित होकर जुड़ी पर्वतारोहण से

कविता और नवमी दोनों बहनों में खास दोस्तों सा रिश्ता था। दोनों बहनें अपने बड़े भाई रवि रावत से प्रेरित होकर पर्वतारोहण से जुड़ी थी। रवि रावत भी ट्रैकिंग से जुड़े हैं। नवमी के पिता अवतार सिंह गांव में खेती का कार्य करते हैं।का डांडा गई थी।

ट्रैकिंग और पर्वतारोहण का था बेहद शौक

नवमी के भाई रवि रावत बताते हैं नवमी को ट्रैकिंग और पर्वतारोहण का बेहद शौक था। उसका लक्ष्य सेना, आइटीबीपी या पुलिस में जाने का था। नवमी पिछले चार वर्षों से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में प्रशिक्षक के पद पर तैनात थी।

नवमी का लक्ष्य था एवरेस्ट आरोहण

पिछले चार वर्षों के अंतराल में नवमी ने छह बार द्रौपदी का डांडा चोटी का आरोहण किया था। नवमी का लक्ष्य एवरेस्ट आरोहण करने का भी था। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी थी और घर की लाडली भी थी। बुधवार को बेस कैंप से नवमी रावत की बड़ी बहन कविता को सेना के हेलीकाप्टर के जरिये उत्तरकाशी लाया गया।

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