चार करोड़ से स्कूल की इमारत बनाई, फिर भी बच्चे दरी पर बैठकर कर रहे पढ़ाई

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खबर रफ़्तार, पिरान कलियर:  शिक्षा विभाग ने डेढ़ साल पहले करीब साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च कर स्कूल भवन तो तैयार कर दिया लेकिन बच्चों के लिए न फर्नीचर की समुचित व्यवस्था की और न ही लैब, कंप्यूटर प्रोजेक्टर, व्यवसायिक शिक्षा लैब की सुविधा दी। आलम यह है कि इतने खर्च के बाद भी बच्चे कड़ाके की ठंड में फर्श पर दरी बिछाकर पढ़ने को मजबूर हैं।

पिरान कलियर में राजकीय इंटर कॉलेज के पास अपना भवन नहीं होने के चलते वह व्यवस्था के तौर पर मुकरर्बपुर स्थित जूनियर हाईस्कूल में चलाया जा रहा था। सितंबर 2022 में साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से विद्यालय का भवन तैयार कर दिया गया था। इसके बाद इसी स्कूल में बच्चों ने पढ़ना शुरू कर दिया था। वर्तमान में स्कूल में कक्षा नौ से 12वीं तक करीब 100 बच्चे रजिस्टर्ड है लेकिन स्थिति ये है कि साढ़े चार करोड़ लगाने के बावजूद छात्रों को कड़ाके की ठंड में फर्श पर दरी पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।

पूरे स्कूल में बनी 12 कक्षाओं में केवल 20 बेंच हैं। इतनी कम बेंच पर एक कक्षा के बच्चे भी नहीं बैठ पाते। इसके अलावा स्कूल में बायोलॉजी लैब को छोड़कर फिजिक्स और केमिस्ट्री की लैब नहीं है। इसके अलावा कंप्यूटर प्रोजेक्टर और प्रिंटर आदि भी नहीं है। इसके चलते अभिभावक भी अब वहां अपने बच्चों के एडमिशन नहीं करवाते हैं। अभिभावकों का कहना है कि करोड़ों रुपये केवल भवन पर खर्च कर दिए गए हैं।

Roorkee News school building made with four Crore Rupees laid carpets for Students Sitting

न क्लर्क न चपरासी, शिक्षकों पर सारी जिम्मेदारी

स्कूल निर्माण के बाद इसे शुरू तो कर लिया गया लेकिन यहां पर शिक्षकों के अलावा किसी अन्य पद पर कोई तैनाती नहीं की गई है। यहां पर न तो क्लर्क है और न ही चपरासी, इसके अलावा चौकीदार भी यहां मौजूद नहीं है। ऐसे में शिक्षकों को ही सारी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। सफाई से लेकर चौकीदारी और विभागीय कार्य भी शिक्षकों को ही करना पड़ रहा है।

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स्कूल की बिल्डिंग नई बनी है। अब अन्य सामानों के लिए डिमांड भेजी गई है। जल्द ही सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

– केके गुप्ता, मुख्य शिक्षा अधिकारी

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