उत्तराखंड: अपराध का बदला ट्रेंड, ऑनलाइन शिकार बन रहे लोग; क्राइम के आंकड़ें देख चौंक जाएंगे

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खबर रफ़्तार, देहरादून:  तेजी के साथ बढ़े तकनीक के चलन और भुगतान की आनलाइन प्रणाली के साथ अपराध का ट्रेंड भी बदलता जा रहा। जहां पहले अपराधी लूट, चोरी, डकैती या हत्या के माध्यम से अपराध को अंजाम देते थे, वह तकनीक का दुरुपयोग उनका मुख्य हथियार बन चुका है।

अपराध के इस बदले ट्रेंड में भले ही प्रदेश में हत्या, डकैती, लूट, फिरौती व अपहरण जैसी संगीन घटनाओं में पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2023 में कमी दर्ज हुई हो, मगर साइबर अपराध की तेजी से बढ़ती घटनाओं ने पुलिस की चुनौती को और बढ़ा दिया है।
पिछले सालों का कुछ ऐसा है रिकॉर्ड

सैकड़ों-हजारों मील दूर बैठे अपराधी किसी भी देश या प्रदेश में बैठकर आसानी से जनता की कमाई पर ऑनलाइन डाका डाल रहे हैं। बात वर्ष 2023 की करें तो प्रदेश में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) के तहत 13 जिलों में 15397 मुकदमे दर्ज हुए जबकि अकेले साइबर अपराध में ही 20 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। प्रदेश में वर्ष 2022 में आइपीसी के अंतर्गत 16549 मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर इस दरमियान 13 हजार शिकायतें आई थी, लेकिन एक वर्ष के अंतराल में ही साइबर अपराध की घटनाओं में डेढ़ सौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई।

वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े सबसे ज्यादा मामला

वर्ष 2023 में दर्ज साइबर अपराध की 20 हजार शिकायतों में अपराधियों ने घर बैठे लोगों से करीब 55 करोड़ ठग लिए। हैरानी की बात भी है कि साइबर अपराध के तहत एनसीआरपी पर आई कुल शिकायतों में से 70 प्रतिशत शिकायतें वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी रहीं। वहीं, बात अगर आनलाइन ठगी गई धनराशि वापिस करने की करें तो साइबर थाना पुलिस महज 10 प्रतिशत यानी 5.45 करोड़ रुपये ही पीड़ितों तक लौटा सकीं। रिकवरी के निम्नतम प्रतिशत का मुख्य कारण यह रहा कि जब तक पुलिस ने साइबर ठगों का पता लगाया तब तक धनराशि ठिकाने लग चुकी थी।

नया चलन बना साइबर ठगों का हथियार

कोरोना के बाद जिस तरह से विभिन्न कंपनियों में वर्क फ्राम होम का चलन बढ़ा, उसी तेजी से यह साइबर ठगों का नया हथियार भी बन बया। वर्ष 2023 में साइबर ठगों ने वर्क फ्राम होम नौकरी या व्यापार का लालच देकर बेरोजगारों को तगड़ा चूना लगाया। घर बैठे रुपये कमाने की चाहत में पीड़ितों ने अपनी पूरी जमा पूंजी साइबर ठगों के बताए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। साइबर अपराध नेटवर्क देश से बाहर से संचालित किया जा रहा व अपराधी संगठित तरीके से भारत का पैसा चाइना व सिंगापुर ट्रांसफर कर रहे हैं।

नेटवर्क तोड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

यह नेटवर्क तोड़ना पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। वर्क फ्राम होम की तरह ही इस वर्ष इंटरनेट मीडिया पर वीडियो लाइक करना या किसी चैनल व एप को डाउनलोड कराकर या सबस्क्राइब कराकर भी ठगी की घटना की गई। पहले साइबर अपराध में बिहार, झारखंड, हरियाणा व राजस्थान के कुछ विशेष क्षेत्रों का नाम सामने आता था, लेकिन पिछले एक वर्ष में लगातार इसका कनेक्शन विदेश से जुड़ा सामने आया है।

अपराध का ऐसा है हाल

  • साल – 2023, 2022,
  • डकैती- 09, 19,
  • लूट-170, 170 ,
  • चोरी, 1365, 1498
  • हत्या, 173, 187
  • फिरौती के लिए अपहरण, 02, 03
  • दुष्कर्म, 734, 872
  • चेन लूट, 17, 33

भ्रष्टाचार पर सरकार का प्रहार

राज्य गठन से लेकर अब तक 252 भ्रष्ट और रिश्वतखोर सरकारी कार्मिकों पर विजिलेंस का फंदा कसा गया है। इनमें से 59 जेल की हवा खा चुके हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार के लिए 1064 टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। भ्रष्टाचार और संवेदनशील मामलों की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की समिति बनाई जा रही। सतर्कता विभाग की ओर से बताया कि वर्ष 2023 में टोल फ्री नंबर 1064 पर कुल 304 शिकायतें दर्ज हुईं। देहरादून और हल्द्वानी सेक्टर में जांच के बाद 12 मुकदमे दर्ज किए गए। देहरादून व हल्द्वानी सेक्टर में वर्तमान में केवल 64 शिकायतें लंबित हैं। इस वर्ष विजिलेंस ने अब तक कुल 12 ट्रैप किए।

छह नए थाने व 21 पुलिस चौकी खुली

वर्ष 2022 में यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में पौड़ी की युवती की हत्या के बाद राजस्व पुलिस की लापरवाही सामने आने पर सरकार ने प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को नागरिक पुलिस के हवाले करने की कसरत आरंभ की। इस प्रक्रिया में वर्ष-2023 में प्रदेश में राजस्व क्षेत्र में छह नए थाने और 20 पुलिस चौकी खोली गई। इनके लिए पुलिसकर्मियों के 327 पद सृजित किए गए। सरकार का मानना है कि राजस्व क्षेत्र नागरिक पुलिस के सुपुर्द करने से यहां कानून-व्यवस्था में सुधार आएगा।

सात साल बाद 1500 सिपाहियों की भर्ती

उत्तराखंड पुलिस में सात साल के अंतराल के बाद वर्ष-2023 में 1500 सिपाहियों की भर्ती हुई। लंबे समय से भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन वर्ष 2023 में भर्ती पूर्ण हुई। इसके अलावा होमगार्ड विभाग में 320 महिला होमगार्ड की भर्ती हुई , जिससे थाना चौकियों में कर्मियों की कमी काफी हद तक दूर हुई। पहला कार्यवाहक डीजीपी उत्तराखंड गठन के बाद 23 वर्ष में पहली बार पुलिस विभाग को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिला।

वर्ष 2023 में 30 नवंबर को डीजीपी अशोक कुमार सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद डीजीपी के लिए वरिष्ठ आईपीएस दीपम सेठ, पीवीके प्रसाद और अभिनव कुमार का नाम चर्चा में था, लेकिन अंतिम तिथि तक स्थिति साफ नहीं हो पाई। ऐसे में अभिनव कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। अब शासन की ओर से डीजीपी के लिए तीन नामों का पैनल केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिस पर निर्णय लंबित है।

वर्ष 2023 की चर्चित घटनाएं

  • 12 जून को एक युवक ने देहरादून के क्लेमेनटाउन क्षेत्र में अपनी बहन व बहनोई की निर्मम हत्या कर दी और नवजात को शवों के बीच सुला दिया।
  • 18 जुलाई 2023 में हल्द्वानी में एक महिला ने होटल कारोबारी अंकित चौहान को उसके जन्मदिन पर पहले शराब में नींद की गोलियां खिलाई और इसके बाद जहरीले कोबरा से डंसवाकर मार डाला।
  • 11 सितंबर को देहरादून के प्रेमनगर पंडितवाड़ी में आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल रामेन्दू उपाध्याय ने प्रेम प्रसंग के चलते बार डांसर की हत्या कर दी और शव रायपुर क्षेत्र में फेंक दिया।
  • 09 नवंबर को देहरादून शहर में राष्ट्रपति की उपस्थिति के दौरान में बिहार के गिरोह ने दिनदहाड़े रिलायंस ज्वेल्स शोरूम में डकैती डालते हुए 25 करोड़ रुपये लूट लिए।

यहां बिगड़ी कानून-व्यवस्था

  • फरवरी 2023 को भर्ती धांधली के विरोध में प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार संग के पदाधिकारियों व पुलिस के बीच खूब हाथापाई हुई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज की तो तो युवाओं पथराव शुरू कर दिया। इस मामले में पुलिस ने कई बेरोजगारों को गिरफ्तार किया, जबकि जांच के बाद एसएसआइ शहर कोतवाली व धारा चौकी इंचार्ज पर गाज गिरी।
  • जून 2023 में रुड़की के बेलडा गांव में दलित युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें दो इंस्पेक्टर, एक दरोगा समेत पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाने के लिए धारा 144 लगा

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अधिकारियों ने कही ये बात

वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में आईपीसी के तहत दर्ज अपराध में कमी आई है, लेकिन साइबर अपराध की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। साइबर अपराध उत्तराखंड पुलिस के सामने बड़ी चुनौती बन चुका है। इससे निबटने और इसके नियंत्रण पर मंथन किया जा रहा है। जल्द ही इस दिशा में कड़े निर्णय लिए जाएंगे। – नीलेश आनंद भरणे, प्रवक्ता पुलिस विभाग

एसएसपी एसटीएफ ने कही ये बात

बढ़ती तकनीक के साथ साइबर अपराध तेजी से बढ़ा है। साइबर अपराध का ट्रेंड भी बदला है। शिकायतों के आधार पर कुछ अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया है। साइबर पुलिस के लिए बड़ी चुनौती यह है कि पहले देश के कुछ हॉटस्पॉट से साइबर ठगी के मामले आते थे, लेकिन कुछ समय से कुछ साइबर अपराध में विदेश का कनेक्शन सामने आया है। यह निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण है। – आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ

 

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