23 साल गुजरे…लेकिन 12 कॉलेज और 75 स्कूल को नहीं मिली अपनी छत, बुनियादी सुविधाओं को तरसे छात्र

खबरे शेयर करे -

ख़बर रफ़्तार, देहरादून:  राज्य गठन के 23 साल बाद भी प्रदेश के विद्यालयों और महाविद्यालयों के हजारों छात्र बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं। 1056 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिजली नहीं है। पेयजल, भवन और फर्नीचर की भी पिछले कई वर्षों से समस्या बनी हुई है। 75 विद्यालयों और 12 कॉलेजों के पास तो अभी तक अपनी छत भी नहीं है।

इन सुविधाओं के लिए छात्र-छात्राओं को अभी 2025-26 तक इंतजार करना होगा। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के मुताबिक, अगले दो वर्षों के भीतर शत प्रतिशत सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी। प्रदेश के विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के दावों के बीच 114 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयाें में पेयजल सुविधा नहीं है।

  • एक स्कूल को लेकर न्यायालय में चल रहा वाद

21,528 छात्र-छात्राओं के लिए फर्नीचर नहीं है। 1,693 के पास कंप्यूटर और 75 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, जिन विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं हैं, उसमें 69 स्कूल वन भूमि क्षेत्र में हैं। एक स्कूल को लेकर न्यायालय में वाद चल रहा है।

तीन स्कूलों की भूमि को लेकर विवाद है।एक स्कूल डूब क्षेत्र में है, जबकि एक स्कूल छात्र संख्या शून्य होने से उसका निर्माण नहीं हो पा रहा है। शिक्षा निदेशक आरके उनियाल के मुताबिक, राज्य के कुछ स्कूल भूमि मुहैया न होने से किराये के भवन में चल रहे हैं। खासकर हरिद्वार एवं कुछ अन्य जिलों में यह स्थिति है। इसके अलावा पेयजल स्रोत दूर होने से पेयजल और बिजली की लाइन न होने से बिजली की भी समस्या बनी है। धीरे-धीरे समस्याओं को दूर किया जा रहा है।

  • इन कॉलेजों के पास नहीं है अपना भवन

प्रदेश के 12 राजकीय महाविद्यालयों के पास अपना भवन नहीं है। इनमें राजकीय महाविद्यालय शीतालाखेत जिला अल्मोड़ा, मासी अल्मोड़ा, रामगढ़ नैनीताल, हल्द्वानी नैनीताल, नानकमत्ता ऊधमसिंह नगर, गदरपुर ऊधमसिंह नगर, मोरी उत्तरकाशी, खाड़ी टिहरी, पावकी देवी नई टिहरी, भूपतवाला हरिद्वार व सिद्धोवाला देहरादून के पास अपना भवन नहीं है।

  • इतने छात्रों के लिए नहीं है फर्नीचर

प्रदेश में अल्मोड़ा जिले के 2,135, बागेश्वर के 848, चमोली के 2,891, चंपावत के 788, देहरादून के 2,432, हरिद्वार के 730, नैनीताल के 1,805, पौड़ी के 1,382, पिथौरागढ़ के 1,937, रुद्रप्रयाग के 1,236, टिहरी के 2,349, ऊधमसिंह नगर के 1,341 एवं उत्तरकाशी के 1,654 छात्र-छात्राओं के लिए फर्नीचर नहीं हैं।

प्रदेश के शतप्रतिशत विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के लिए 2025-26 तक का लक्ष्य रखा गया है। धीरे-धीरे सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। -डाॅ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours