खबर रफ़्तार, बागेश्वर: जिला अस्पताल से रेफर गर्भवती को अल्मोड़ा ले जारी 108 एंबुलेंस रास्ते में खराब हो गई। रात का अंधेरा और चीड़ का घना जंगल प्रसव पीड़िता को भयभीत करने वाला रहा। बमुश्किल दो घंटे बाद अल्मोड़ा जिले से प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था हो सकी। महिला प्रसव पीड़ा से तड़फड़ती रही, जिसपर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है और जांच के निर्देश दिए हैं।
पहाड़ में स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। जिला अस्पताल में बहुत संख्या में चिकित्सक नहीं हैं, जिसके कारण सीजर और आपरेशन नहीं हो रहे हैं। बीते गुरुवार की रात में जिला अस्पताल से एक प्रसूता को अल्मोड़ा रेफर किया गया। 108 को फोन करने के बाद बमुश्किल एंबुलेंस मिली। एंबुलेंस अल्मोड़ा अस्पताल पहुंचने से पहले कसार देवी के आसपास खराब हो गई है।
वाहन का बोनट खोलकर बैठ गया चालक
एंबुलेंस संख्या यूके 07 जीए, 2328 के चालक भी वाहन का बोनट खोलकर बैठ गया। रात और घना जंगल होने से प्रसूता और उसके स्वजन परेशान हो गए। उन्होंने अल्मोड़ा 108 सेवा से संपर्क किया। एंबुलेंस दो घंटे बाद आई। प्रसूता का दर्द बढ़ने लगा। जंगल में सिर्फ फोन ही उनका सहारा था। उन्होंने निजी एंबुलेंस के माध्यम से प्रसूता को अल्मोड़ा पहुंचाया।
मामले का लिया गया संज्ञान
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि मामला संवेदनशील है और इसका संज्ञान लिया गया है। इस तरह की समस्या क्यों आ रही है, इसकी जांच कराई जाएगी। गर्भवती महिला के स्वजन से बात हुई है। वह कसार देवी से निजी एम्बुलेंस लाकर महिला को अल्मोड़ा ले गए हैं। इस तरह की घटना फिर ना हो इसका ध्यान रखा जाएगा।
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