खबर रफ़्तार, लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अहम सुनवाई 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में कल कोई फैसला आ सकता है।
69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। अभ्यर्थियों को उम्मीद है इस प्रकरण पर सोमवार को सुनवाई होगी और उन्हें न्याय मिलेगा। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण हम अभ्यर्थी दर -दर की ठोकर खा रहे हैं। जबकि हाईकोर्ट डबल बेंच ने न्याय देते हुए फैसला हमारे पक्ष में सुनाया हैं। सरकार की लापरवाही के कारण यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। हमारी मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारा पक्ष मजबूती के साथ रखें।
अमरेंद्र पटेल ने कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का ऑर्डर, सभी उनके पक्ष में हैं। फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा। हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ एक अन्य छात्र संगठन की ओर से प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ईमेल और रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजकर 21 जुलाई सोमवार को इस मामले में सुनवाई सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है।
अभ्यर्थियों ने पत्र में विस्तार से बताया है कि किस तरह आरक्षण में गड़बड़ी की गई है। अभ्यर्थियों ने लिखा है कि यह मामला 2020 से लंबित है और बीते 11 महीनों से सुप्रीम कोर्ट में अभ्यर्थी सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। किंतु प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में कोई पहल नहीं कर रही है। आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों को अब तक न्याय न मिलने के कारण निराशा पैदा हो रही है।
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