
देहरादून: जोशीमठ में भूधंसाव से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार लगातार ही केंद्र सरकार को अपडेट दे रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंटकर जोशीमठ की स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में अवगत कराया। साथ ही जोशीमठ को बचाने को केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रभावितों की मदद को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि बदरीनाथ धाम का शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ सामरिक, सांस्कृतिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। शहर का 25 प्रतिशत भूभाग भूधंसाव से प्रभावित है, जिसकी जनसंख्या 25 हजार है। अभी तक 849 भवनों में दरार दिखी हैं। 250 परिवार अस्थायी रूप से विस्थापित किए गए हैं। पुनर्वास को पांच स्थल चिह्नित किए गए हैं। आठ केंद्रीय तकनीकी संस्थानों के विज्ञानी जांच में जुटे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने गत वर्ष 16 से 22 अगस्त तक विशेषज्ञ समिति से स्थलीय सर्वेक्षण कराया। इसमें भूधंसाव के कारण व उपाय बताए गए। इस माह भवनों में दरारों का क्रम तेज होने पर विशेषज्ञ समिति ने फिर स्थलीय निरीक्षण कर कुछ संस्तुतियां की। गत आठ जनवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय के कैबिनेट सचिव ने भी उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसके बाद केंद्रीय टीमों ने जोशीमठ का भ्रमण किया।
डीएम चमोली, आयुक्त गढ़वाल जोशीमठ में कैंप कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार-विमर्श के बाद प्रारंभिक रूप से यह बताया गया कि क्षेत्र में वृहद पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी। इसका अंतिम आकलन तकनीकी परीक्षण की समाप्ति पर होगा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत शिविर, फेब्रिकेटेड शेल्टर, स्थायी पुनर्वास, नवीन स्थल विकास, आवास, मूलभूत सुविधाएं, जोशीमठ के पुनर्निर्माण, विस्तृत तकनीकी जांच, भूस्खलन की रोकथाम, सीवरेज व जल निकासी व्यवस्था समेत अन्य सुविधाओं के लिए सहायता का अनुरोध किया।
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