बागेश्वर पीजी कॉलेज मारपीट मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष सहित 6 छात्रों को हुई जेल, NSUI और कांग्रेस ने बताया एकतरफा कार्रवाई

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ख़बर रफ़्तार, बागेश्वर: एनएसयूआई और एबीवीपी छात्र संगठनों के आपसी विवाद में एनएसयूआई छात्र संगठन अध्यक्ष और छात्र संघ अध्यक्ष राहुल कुमार सहित 5 अन्य छात्रों को जेल भेज दिया गया है. कांग्रेस ने सत्ता के दबाव में बताया इसे जल्दबाजी का फैसला बताया है. कांग्रेस ने पुलिस को आज तक एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

एनएसयूआई-एबीवीपी झगड़े में नया मोड़

 बागेश्वर के बीडी पांडे कॉलेज परिसर में 29 जुलाई को एबीवीपी और एनएसयूआई छात्रों के बीच आपसी झगड़े में अब बड़ा मोड़ आ गया है. एबीवीपी कार्यकर्ताओं और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली में मारपीट और गाली गलौज करने की तहरीर दी गई. इस पर पुलिस द्वारा तुरंत एबीवीपी की तहरीर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एनएसयूआई के 8 छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छात्र संगठन अध्यक्ष राहुल कुमार सहित 5 अन्य छात्रों को जेल भेज दिया.

छात्रसंघ अध्यक्ष समेत एनएसयूआई के 6 छात्रों को जेल

अब जिला कांग्रेस कमेटी, एनएसयूआई छात्र और उनके परिजनों ने कड़ा आक्रोश जताया है. कांग्रेस संगठन महामंत्री कवि जोशी ने कहा है कि पुलिस द्वारा सत्ता के दबाव में आकर एकतरफा फैसला किया गया है. पुलिस के इस फैसले पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय परिसर में संघ का कार्यक्रम बिना अनुमति के चल रहा था. छात्र कार्यक्रम के बिना अनुमति चलने पर उसकी जानकारी लेने गए थे. उनके साथ मारपीट की गई. फिर दोनों पक्षों में मारपीट हुई, लेकिन कार्रवाई केवल छात्र संगठन के अध्यक्ष और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर ही हुई.

उन्होंने कहा कि बुधवार तक एबीवीपी के छात्रों पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, तो समस्त छात्रों के परिजनों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और एनएसयूआई छात्रों द्वारा एसपी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक पक्ष की तहरीर पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. दूसरे पक्ष की तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार जिले में एकतरफा कार्रवाई कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कांग्रेस नेताओं ने दिया धरना

वहीं मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने मामले में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में धरना दिया. मुकदमा दर्ज होने तक आमरण अनशन की चेतावनी दी. वहीं कांग्रेस के धरने को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने त्वरित मुकदमे के निर्देश दिए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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