देहरादून एयरपोर्ट के विस्तार से आशंकित लोग,दो बार झेल चुके उजड़ने का दंश, अब फिर हो रही नाप-जोख

खबरे शेयर करे -

ख़बर रफ़्तार , देहरादून : दून एयरपोर्ट के विस्तार से आशंकित टिहरी बांध विस्थापित और जौलीग्रांट क्षेत्र के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल क्षेत्रीय विधायक बृज भूषण गैरोला के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पहले टिहरी बांध, फिर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए उन्हें दो बार विस्थापित किया जा चुका है।

अब तीसरी बार हवाई अड्डे के विस्तार के लिए घर, प्रतिष्ठान और जमीनों की नाप-जोख की जा रही है। रविवार को प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी से मिलकर इस संबंध में ज्ञापन सौंपा और विस्तार से अपनी बात रखी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हवाई अड्डे के विस्तार या एरो सिटी बनाने के लिए यदि सरकार को जमीन की आवश्यकता है तो वह आबादी क्षेत्र की बजाए वन क्षेत्र व सरकारी जमीन के विकल्प पर काम करें।

इससे किसी को विस्थापित नहीं करना पड़ेगा और न ही सरकार को इसके लिए किसी प्रकार का मुआवजा देना पड़ेगा। अठूरवाला निवासी गजेंद्र रावत ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में ऐसे दुकानदार और स्वरोजगार करने वाले लोग हैं, जिनके पास घर चलाने के लिए इसके अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। यदि जबरदस्ती उनकी जमीन दुकान का अधिग्रहण किया गया तो वह लोग कहां जाएंगे। उनके पास रोजी रोटी का कोई और इंतजाम नहीं है।

 

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि जनभावना का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह पूरे प्रकरण का परीक्षण कराएंगे।  प्रतिनिधिमंडल में जौलीग्रांट क्षेत्र के पूर्व ग्राम प्रधान सागर मनवाल, विक्रम सिंह भंडारी, कमल सिंह राणा, बलदेव सिंह, सुमेर सिंह नेगी, दिनेश सिंह सजवाण आदि शामिल रहे।

 

  • टिहरी विस्थापितों के समर्थन में उतरी कांग्रेस
    उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन महारा ने देहरादून जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के संदर्भ में सरकार के रवैये की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार द्वारा देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण हेतु जमीन का नाप-जोख किया जा रहा है जिसके कारण टिहरी बांध विस्थापित अठूरवाला और जौलीग्रांट के सैकड़ों परिवार, दुकानदार, होटल, ढाबे तमाम स्वरोजगार करने वाले लोग आशंकित होकर आंदोलन कर रहे हैं। बार-बार उजड़ने का दंश इन गांवों के लोग दो बार झेल चुके हैं लोगों के पास रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है तथा लोग अपनी खेती की जमीन बचाने को संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों क्षेत्रवासियों ने अपना विरोध जताने के लिए महापंचायत का भी आयोजन किया जिसमें उन्होंने हवाई अड्डे के विस्तारीकरण या एरोसिटी के निर्माण के लिए जमीन न देने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों की इस मांग का हम भी समर्थन करते हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours